अखिलेश यादव पर उल्टा पड़ गया `क्रेडिट वॉर`, यूजर्स ने किया ट्रोल, बोले: ताजमहल- एफिल टॉवर भी उन्होंने ही बनवाया था
कुछ लोगों ने अखिलेश यादव की फोटो एडिट कर उनकी चुटकी ली. एक ने 1893 में रेल का लोकार्पण करते हुए अखिलेश यादव को दिखाया, तो दूसरे ने कहा कि ताजमहल शाहजहां ने नहीं, बल्कि अखिलेश भइया ने ही बनवाया था...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) लगातार प्रदेश भर में नई-नई परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास कर रही है. इसी के साथ लगातार ही समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) उनके इन कामों का क्रेडिट खुद को दिए जा रहे हैं. वह हमेशा ही यह कहते हैं कि फीता भले ही बीजेपी काट रही हो, लेकिन काम सपा का है. पीएम मोदी (Narendra Modi) और सीएम योगी (Yogi Adityanath) द्वारा प्रदेश के विकास में एक नया पंख लगाया जाता है और अखिलेश यादव उसमें सपा को श्रेय देने आ जाते हैं.
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (Purvanchal Expressway) हो या गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway), जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) हो या लखनऊ मेट्रो. अखिलेश यादव लगातार बस यही बात जपते हैं कि भाजपा केवल फीता काट रही है, काम तो सारे सपा के ही हैं. कानपुर मेट्रो (Kanpur Metro) के शुभारंभ को लेकर भी समाजवादी पार्टी ने ट्वीट (Samajwadi Party Twitter) कर कुछ ऐसा ही लिखा है. पर, इस बार यह दांव अखिलेश पर उल्टा पड़ता प्रतीत हो रहा है, क्योंकि कम्यूनिकेशन के एक बड़े मीडियम सोशल मीडिया पर अखिलेश अपने ही क्रेडिट वॉर के चलते बुरी तरह ट्रोल होने लगे हैं. उनपर पॉलिटिकल मीम की बारिश कर दी गई है.
इंटरनेट पर खूब ट्रोल हुए अखिलेश यादव
दरअसल, सपा के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक फोटो शेयर की गई, जिसमें कैप्शन दिया गया है, 'सपा का काम, जनता के नाम.... कानपुर मेट्रो.' इससे जाहिर है कि सपा जताना चाहती है, कानपुर मेट्रो का काम उनके शासनकाल का है, इसलिए क्रेडिट बीजेपी को नहीं, बल्कि सपा को मिलने चाहिए. हालांकि, इस बार सपाध्यक्ष को इंटरनेट ने खूब ट्रोल भी किया है. इस फोटो पर लगातार लोगों के कमेंट आ रहे हैं, जिनमें वे अखिलेश यादव का मजाक उड़ाते दिख रहे हैं.
अखिलेश यादव की चुटकी लेने के लिए बने मीम
एक यूजर ने लिखा कि अखिलेश यादव के 5 साल के शासन के दौरान कानपुर मेट्रो का सिर्फ पत्थर रखवाया गया था. लेकिन, भाजपा के शासन में साल 2017 में फेज-1 के लिए सिविल वर्क शुरू करवाया गया. डीपीआर तैयार की गई. टेंडर निकाला गया. निर्माण के लिए बजट जारी किया गया. इसके बाद 2019 में पीएम मोदी द्वारा आधारशिला रखी गई. साल 2021 में ट्रैक बिछाने का काम पूरा किया गया. कानपुर के ट्रायल रन का शुभारंभ हुआ और फिर सफलता भी मिली. इसके बाद आज यानी 28 दिसंबर से मेट्रो आमजन के लिए शुरू होने जा रही है. अब आप डिसाइड करिए कि श्रेय किस पार्टी को देना चाहिए.
ताजमहल भी अखिलेश यादव ने ही बनवाया था क्या?
वहीं, कुछ लोगों ने अखिलेश यादव की फोटो एडिट कर उनकी चुटकी ली. एक ने 1893 में रेल का लोकार्पण करते हुए अखिलेश यादव को दिखाया, तो दूसरे ने कहा कि ताजमहल शाहजहां ने नहीं, बल्कि अखिलेश भइया ने ही बनवाया था.
"दुनियाभर की इमारतें अखिलेश भइया ने ही बनवा दी हैं"
इतना ही नहीं, वायरल हुए छोटे बच्चे की शक्ल पर अखिलेश यादव का चेहरा लगाकर एक यूजर ने लिखा, 'ताजमहल मैंने बनवाया, ग्रेट वॉल ऑफ चाइना भी मैंने बनवाया. एफिल टावर और स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी भी. चांद पर जाने वाला पहला आदमी भी समाजवादी ही था. सबकुछ तो मैंने ही किया. बाकी सबने बस फीता काटा.'
सोशल मीडिया आया मजाक के मूड में
वहीं, एक और यूजर ने फोटो डालते हुए लिखा कि कानपुर मेट्रो का शिलान्यास 2019 में सीएम योगी ने किया था और साल 2021 में इसका लोकार्पण पीएम मोदी कर रहे हैं. लेकिन अखिलेश यादव कहते हैं कि इसका क्रेडिट मुझे ही मिलना चाहिए, क्योंकि सबसे पहले सपना मैंने ही देखा था.
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