Brijesh Singh News: बृजेश सिंह व अन्य लोगों के खिलाफ गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में जानलेवा हमला व हत्या सहित आईपीसी की कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था.
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मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court ) ने बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari ) पर हुए जानलेवा हमले व हत्या षड्यंत्र के आरोपी माफिया बृजेश सिंह उर्फ अरूण कुमार सिंह (Mafia Brejesh Singh) की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. जस्टिस अरविंद कुमार मिश्र की एकलपीठ ने यह आदेश दिया है. बृजेश सिंह 2009 से जेल में बंद है. बृजेश सिंह व अन्य लोगों के खिलाफ गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में जानलेवा हमला व हत्या सहित आईपीसी की कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था.
मुख्तार अंसारी के काफिले पर जानलेवा हमला करने का आरोप
बृजेश सिंह पर अपने साथियों के साथ मिलकर मुख्तार अंसारी के काफिले पर जानलेवा हमला करने का आरोप है. हमले में मुख्तार के गनर की मौत हो गई थी, तथा कई अन्य लोग घायल हो गए थे. जमानत के समर्थन में याची की ओर से कहा गया कि वह इस मामले में 2009 से जेल में बंद है. इससे पूर्व उसकी पहली जमानत अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी. साथ ही कोर्ट ने विचारण न्यायाधीश को निर्देश दिया था कि मुकदमे के विचारण में एक वर्ष के अंदर सभी गवाहों की गवाही पूरी कर ली जाए और ट्रायल पूरा किया जाए. इसकी अवधि बीतने के बाद भी सिर्फ एक ही गवाह का बयान दर्ज कराया जा सका है.
सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश
यह भी कहा गया कि याची के खिलाफ 41 आपराधिक मामलों का इतिहास है। इनमें से 15 में वह बरी या डिस्चार्ज हो चुका है. सिर्फ तीन मुकदमों में विचारण चल रहा है. जिनमें से दो मुकदमों में वह जमानत पर है। सिर्फ इस एक मामले में उसे जमानत नहीं मिली है. मुकदमे का ट्रायल जल्द पूरा होने की उम्मीद नहीं है। राज्य सरकार और मुख्तार अंसारी की ओर से अधिवक्ता उपेन्द्र उपाध्याय ने जमानत अर्जी का विरोध किया गया. कहा गया कि याची के खिलाफ 41 आपराधिक मुकदमे हैं. उसे जेल से रिहा करना उचित नहीं है. सुनवाई के बाद कोर्ट ने सौदान सिंह केस के निर्देश, तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर बृजेश सिंह को सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.
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