Allahabad HC: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने बसपा सांसद अतुल राय (BSP MP Atul Rai) की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने संसद और चुनाव आयोग (ईसीआई) से कहा है कि अपराधियों को राजनीति से हटाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं. राजनेताओं व नौकरशाहों के बीच अपवित्र गठजोड़ को तोड़ा जाए.
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अजीत सिंह/लखनऊ: रेप मामले में जेल में बंद घोसी सांसद अतुल राय की जमानत याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए अतुल राय की जमानत याचिका खारिज कर दी. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि संसद और चुनाव आयोग को राजनीति से अपराधियों को बाहर रखना चाहिए. इससे जुड़ा कुछ नियम कानून बनाया जाना चाहिए क्योंकि अपराधी जब राजनीति में आते हैं तो उनका और नौकरशाह का बड़ा गठजोड़ हो जाता है. जिसे फिर तोड़ा नहीं जा सकता. लिहाजा इसके लिए कड़े और सख्त कदम उठाने चाहिए.
अतुल राय यूपी के घोसी संसदीय क्षेत्र से बीएसपी सांसद हैं. उन्होंने रेप मामले को लेकर ज़मानत याचिका दायर की थी. जिसपर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ ने सुनवाई की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि राजनीति में अपराधियों, नेताओं और नौकरशाहों के बीच जो अपवित्र गठजोड़ हो जाता है, उसे तोड़ने के लिए प्रभावी कदम उठाये जाने चाहिए. कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को इस दिशा में कदम उठाने को कहा है, लेकिन अब तक आयोग और संसद ने ऐसा करने के लिए इच्छाशक्ति नहीं दिखाई. जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की बेंच ने बीएसपी सांसद अतुल राय की जमानत अर्जी खारिज करते हुए यह टिप्पणी की.
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क्या है पूरा मामला?
1 मई 2019 को बलिया की रहने वाली पीड़िता ने वाराणसी के लंका थाने में सांसद अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था. पीड़िता का आरोप था कि अतुल राय ने 7 मार्च 2018 को उसे लंका स्थित अपने फ्लैट में अपनी पत्नी से मिलाने के बहाने बुलाया था. वहां पहुंचने पर सांसद और उनके साथियों ने युवती के साथ दुष्कर्म किया. उसका अश्लील वीडियो भी बना लिया. गिरफ्तारी से बचने के लिए अतुल राय अंडरग्राउंड हो गए. 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान भी वह गायब ही रहे. इसके बावजूद घोसी सीट से वह जीत गए. सांसद बनने के बाद उन्होंने सरेंडर कर दिया था. इस मामले में अतुल राय ने भी पीड़िता के ऊपर ब्लैकमेल करने समेत कई आरोप लगाए थे.
16 अगस्त 2021 को पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट के सामने किया था आत्मदाह
बता दें कि पिछले साल 16 अगस्त की सुबह रेप पीड़िता ने अपने गवाह दोस्त के साथ सुप्रीम कोर्ट के सामने ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर खुद को आग लगा ली थी. जिसके बाद दोनों को गंभीर हालत में राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां घटना के 9 दिनों के अंदर ही दोनों ने दम तोड़ दिया था. युवती और युवक ने ये आत्मघाती कदम उठाने से पहले फेसबुक पर लाइव होकर एक वीडियो भी बनाया था. लाइव के दौरान ही दोनों ने खुद को आग लगाई. इस दौरान युवती ने पुलिस और प्रशासन पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था. आत्मदाह करने का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया.
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