मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad HC) ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि सरकारी सेवक (Government Employee Promotion) के प्रमोशन को आपराधिक केस लंबित होने के आधार पर अनिश्चितकाल के लिए रोक कर रखना अनुचित है. आपराधिक केस लंबित होने से कर्मचारी को उसके प्रमोशन से इनकार नहीं किया जा सकता है. जस्टिस राजीव मिश्र ने पुलिस कॉन्स्टेबल नीरज कुमार पांडेय की याचिका को निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया है. 


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आपराधिक केस लंबित होने के चलते रोका गया याची का प्रमोशन 
दरअसल, याची पुलिस कांस्टेबल नीरज पाण्डेय ने अर्जी दाखिल की थी. जिसके मुताबिक, डीआईजी/एसपी स्थापना, डीजीपी मुख्यालय, उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा 1 जनवरी 2021 को जारी हेड कांस्टेबल प्रमोशन लिस्ट में याची के प्रमोशन को सील कवर में रखा गया है. पुलिस कांस्टेबल ने प्रमोशन सील कवर को खोलने की मांग की थी. दरअसल, याची का हेड कांस्टेबल पद पर प्रमोशन होना था, लेकिन आपराधिक केस लंबित होने के चलते उसके प्रमोशन को सील कवर में रखा गया था. 


याची को किया गया था बर्खास्त 
याची के अधिवक्ता विजय गौतम ने तर्क दिया कि कॉन्सटेबल को आपराधिक केस के चलते यूपी पुलिस ऑफिसर ऑफ सबार्डिनेट रैंक (पनीशमेंट एंड अपील रूल्स) 1991 के नियम 8(2) (B) के तहत बर्खास्त कर दिया गया था. लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने बर्खास्तगी को रद्द करते हुए याची को बहाल कर दिया था. बहाली के बाद से वह लगातार पुलिस विभाग में अपनी सेवा दे रहा है. 


वहीं, सुनवाई के दौरान बहस में याची की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि अपराधिक केस के बाद भी उसे नौकरी में रखा गया है, तो इस आधार पर उसका प्रमोशन रोकना गलत है. सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका को निस्तारित कर दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने सक्षम अधिकारियों को दो माह के भीतर सील कवर प्रक्रिया को खोलने को लेकर आदेश पारित करने को कहा है. 


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