खुद को मर्द मानने वाली यूपी की पहली सिपाही के हक में इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
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खुद को मर्द मानने वाली यूपी की पहली सिपाही के हक में इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के इलाहबाद हाईकोर्ट (Allahbad Highcourt) ने महिला कांस्टेबल की लिंग परिवर्तन (Gender Change) की याचिका पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण फैसला दिया. कोर्ट ने कहा कि लिंग परिवर्तन कराना व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है. आइए आपको बताते हैं कोर्ट ने और क्या कहा. 

Allahbad Highcourt (File Photo)

मुहम्मद गुफरान/प्रयागराज: 'आधुनिक समाज में किसी व्यक्ति को अपनी पहचान बदलने के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता', इलाहबाद हाईकोर्ट (Allahbad Highcourt) ने यह फैसला महिला कांस्टेबल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया. दरअसल, उत्तर प्रदेश पुलिस की महिला कांस्टेबल नेहा सिंह ने लिंग परिवर्तन (Gender Change) कराने के लिए इलाहबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को याची के लिंग परिवर्तन कराने की मांग के प्रार्थना पत्र को निस्तारित करने का निर्देश दिया है. साथ ही प्रदेश सरकार से भी जवाब मांगा है. 

यह है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला यूपी पुलिस की महिला कांस्टेबल नेहा सिंह से जुड़ा है. इन्होंने इलाहबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि वे जेंडर डिस्फोरिया से पीड़ित है और खुद को एक पुरुष के रूप में पहचानती हैं. इसलिए वे सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी कराना चाहती हैं. उन्होंने बीते 11 मार्च को लिंग परिवर्तन कराने के लिए डीजीपी कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया था, जिस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया. डीजीपी कार्यालय से कोई जवाब नहीं मिलने पर महिला कांस्टेबल ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. 

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हाईकोर्ट ने दिया महत्वपूर्ण फैसला 

न्यायमूर्ति अजीत कुमार महिला कांस्टेबल की याचिका पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण फैसला दिया. कोर्ट ने कहा कि लिंग परिवर्तन कराना व्यक्ति का संविधानिक अधिकार है. आधुनिक समाज में किसी व्यक्ति को अपनी पहचान बदलने के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को याची के लिंग परिवर्तन कराने की मांग को जल्द निस्तारित करने का निर्देश दिया है. साथ ही राज्य सरकार को कोर्ट ने हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 21 सितंबर को होगी. 

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