नैनी जेल में बंद आनंद गिरी और आद्या तिवारी ने नहीं खाई रोटी, रात भर रहे बैरक में बेचैन
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नैनी जेल में बंद आनंद गिरी और आद्या तिवारी ने नहीं खाई रोटी, रात भर रहे बैरक में बेचैन

महंत नरेंद्र गिरी की समाधि प्रक्रिया के एसआईटी ने बलवीर गिरी से पूछताछ की. एसआईटी पहले मठ के अंदर पहुंची और फिर पूछताछ शुरू की. दरअसल, यह बात सामने आई कि थी कि खुद को गद्दी का उत्तराधिकारी बताने वाले बलवीर गिरी अपने बयान से पलट गए थे...

नैनी जेल में बंद आनंद गिरी और आद्या तिवारी ने नहीं खाई रोटी, रात भर रहे बैरक में बेचैन

प्रयागराज: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत मामले में अब सीबीआई जांच करेगी. योगी सरकार ने इस केस में CBI जांच की सिफारिश की है. मंत्रिमण्डल के साथ संतों ने भी सीबीआई जांच को लेकर बात उठाई है. वहीं, दूसरी तरफ, जेल में कैद महंत नरेंद्र गिरी के शिष्य आनंद गिरी और आद्या तिवारी को हाई सिक्योरिटी दी गई है. दोनों अलग बैरक में बंद हैं और बाकी बंदियों से अलग रह रहे हैं. दोनों के ऊपर सीसीटीवी से नजर रखी जा रही है. 

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खबू सामान लेकर पहुंचे थे जेल, अफसरों ने कर दिया मना
बता दें, आनंद गिरि और आद्या तिवारी को बीती बुधवार शाम 4:43 पर नैनी जेल में लाया गया था. जेल आते समय दोनों के पास काफी सामान था. सामान में बिस्तर और खाने-पीने की सामग्री शामिल थी. हालांकि, अफसरों ने जेल के गेट पर ही उन्हें रोक जिया और रात में दाल-रोटी और तुरई की सब्जी दी गई. जानकारी मिल रही है कि दोनों ने ही रात के खाने को हाथ नहीं लगाया, क्योंकि दोनों बेचैन थे. शायद वह सोए भी नहीं. बस अपनी बैरकों में टहल रहे थे.

बलवीर गिरी से पूछताछ जारी
वहीं, महंत नरेंद्र गिरी के कथित सुसाइड नोट में घोषित किए गए उत्तराधिकारी बलवीर गिरि से अभी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) की पूछताछ चल रही है. बताया जा रहा है कि अखाड़ा परिषद ने बलवीर को उत्तराधिकारी नहीं मानेगा और सर्वसम्मति से नए उत्तराधिकारी का चयन किया जाएगा.

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इसलिए बलवीर से हुई पूछताछ
महंत नरेंद्र गिरी की समाधि प्रक्रिया के एसआईटी ने बलवीर गिरी से पूछताछ की. एसआईटी पहले मठ के अंदर पहुंची और फिर पूछताछ शुरू की. दरअसल, यह बात सामने आई कि थी कि खुद को गद्दी का उत्तराधिकारी बताने वाले बलवीर गिरी अपने बयान से पलट गए थे. पहले उन्होंने कहा था कि वह महंत नरेंद्र गिरी की लिखावट पहचानते हैं और वह सुसाइड नोट उन्होंने ही लिखा था. लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि वह नहीं जानते नरेंद्र गिरी कैसा लिखते हैं और वह नहीं कह सकते कि यह राइटिंग उन्हीं की है.

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