प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने शनिवार को प्रयागराज में हुई असदुद्दीन ओवैसी की जनसभा में मंच से अपने पति की चिट्ठी पढ़ी. गुजरात की साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद ने जेल से यह भावुक पत्र लिखकर समाजवादी पार्टी (सपा) पर हमला बोला है. प्रयागराज के फूलपुर सीट से बहुजन समाजवादी के सांसद रहे अतीक अहमद पिछले दिनों असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) में शामिल हो गए थे. असदुद्दीन ओवैसी की मौजूदगी में अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी. 


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सपा को  ऐसा मुसलमान सांसद और विधायक चाहिए जो जी-हुजूरी करे
अतीक अहमद का लिखा पत्र शनिवार को उनकी पत्नी शाइस्ता परवीन ने मंच से पढ़ा. अतीक अहमद ने लिखा कि मैं और मेरा भाई जेल में हैं. मेरे बेटे पर इनाम रखा गया. मुझे मजबूर में यह पत्र अपनी पत्नी से पढ़ने के लिए कहना पड़ा. मेरे वालिद जिंदा होते तो शायद इसकी इजाजत नहीं देते. पति का खत पढ़ते-पढ़ते शाइस्ता भावुक हो उठीं और मंच पर ही फफक पड़ीं. सपा पर हमला बोलते हुए अतीक ने अपने पत्र में लिखा कि पार्टी से कुछ टिकट मुसलमानों को दे दिया जाता है. इनको (सपा को) ऐसा मुसलमान सांसद और विधायक चाहिए जो इनके सामने हाथ जोड़कर जी-हुजूरी करे. 


मुझे अखिलेश यादव ने सिर्फ जेल ही नहीं भेजा, मेरी जमान भी रुकवाई
उन्होंने अपने पत्र में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए लिखा कि मुझे अखिलेश यादव ने सिर्फ जेल ही नहीं भेजा बल्कि उनकी सरकार ने मेरी जमानत का भी विरोध किया. अतीक अहमद ने आगे लिखा कि सपा को इलाहाबाद और कौशांबी में कितने लोग जानते थे. मुझे आप लोग विधायक मानते थे. मैंने मुलायम सिंह यादव का समर्थन किया. जब भी मुलायम सिंह यादव ने रैली की, मैंने उनका समर्थन किया. उन्होंने आगे लिखा कि मुझे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की बी टीम कहते हैं. अपने भाई को भाई कहने में अखिलेश यादव और सपा को शर्म आती है. अपने भाई का झंडा उठाने में इन्हें शर्म आती है.


मुसलमान सिर्फ AIMIM को वोट दें, दूसरी सभी पार्टियों को हराएं: अतीक
पूर्व सांसद अतीक अहमद ने अपने पत्र में लिखा कि हमारे बाप-दादा चाहते तो पाकिस्तान जा सकते थे लेकिन हम यहीं रहे. हम अपने मुल्क के लिए जान दे भी सकते हैं और जान ले भी सकते हैं. जब भी मुल्क पर सवाल आया तो मुसलमान सबसे आगे लड़ेगा. उन्होंने कहा कि अब लड़ाई विधायक या सांसद बनने की नहीं है, अब लड़ाई अपना हक लेने की है. अब हम टिकट मांगने वाले नहीं, टिकट देने वाले बनेंगे. अतीक अहमद ने पत्र के जरिए जनता से अपील की कि यदि किसी विधानसभा क्षेत्र में मुसलमानों के 10 हजार वोट भी हों तो सिर्फ ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम को ही पड़े. दूसरी पार्टियों को हरवा दो. अगर जिंदा हो तो जिंदा होने का अहसास भी होना चाहिए. मेरी दिली ख्वाहिश थी कि ओवैसी साहब से मिलूं. लेकिन गुजरात सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी.


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