मजार या लाक्षागृह फैसला आज, विवाद में कूदीं हिंदू नेता साध्वी प्राची ने बदरूद्दीन पर निकाली भड़ास
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मजार या लाक्षागृह फैसला आज, विवाद में कूदीं हिंदू नेता साध्वी प्राची ने बदरूद्दीन पर निकाली भड़ास

Baghpat News : ज्ञानवापी और मथुरा कृष्ण जन्मभूमि का विवाद अभी कोर्ट में चल ही रहा है. इसी बीच बागपत में एक महाभारत कालीन लक्षागृह और कथित मजार को लेकर विवाद है. इस मुद्दे में सिविल कोर्ट शुक्रवार को फैसला सुनाएगी.

मजार या लाक्षागृह फैसला आज, विवाद में कूदीं हिंदू नेता साध्वी प्राची ने बदरूद्दीन पर निकाली भड़ास

कुलदीप चौहान/बागपत : एक तरफ देश में वाराणसी की ज्ञानवापी और मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर माहौल गर्म हैं. वहीं अब एक और मामला तूल पकड़ता दिख रहा हैं, जिसे लेकर एक बार फिर दो समुदाय आपने-सामने हैं.  ये महाभारत काल से जुड़े लाक्षागृह का मामला है. जहां जिसे मुस्लिम समाज लाक्षागृह नहीं बल्कि शेख बदरुद्दीन की मजार बताने में जुटा हैं. इसका वाद 1970 से बागपत सिविल कोर्ट में चल रहा हैं. जिस पर आज बागपत की सिविल कोर्ट कभी भी फैसला सुना सकता है.

लाक्षागृह पर मुस्लिम समाज द्वारा अपना हक जताते हुए उसे शेख बदरुद्दीन की मजार बताने पर हिंदू फायरब्रांड नेता साध्वी प्राची भड़क गईं. साध्वी प्राची ने विशेष समुदाय पर बोलते हुए कहा '' ये हिंदुस्तान है कोई धर्मशाला नहीं की आओ और बच्चे पैदा करो मजार बना दो. हमने हुमायूं, अकबर और औरंगजेब को सुना हैं, बदरुद्दीन कौन हैं ये नहीं जानते''. इसी के साथ साध्वी प्राची ने कोर्ट से अपील की हैं कि ''लाक्षागृह प्राचीन धरोहर हैं उसी के हित में फैसला दे.''

बताया जाता है कि पूरा विवाद 1970 में शुरू हुआ था, जब मुस्लिम पक्ष की तरफ से मुकीम खान ने लाक्षागृह टीले को बदरुद्दीन शाह की मजार और कब्रिस्तान बताते हुए मुकदमा दाखिल किया था. जिसमें ब्रह्मचारी कृष्णदत्त महाराज को प्रतिवादी बनाया था. लाक्षागृह टीले की 100 बीघा के लगभग भूमि पर मालिकाना हक को लेकर पिछले 53 साल से ये विवाद चल रहा था, जिसमे आज कोर्ट से फैसला आना था.

हिंदू पक्ष की दलील
हिंदू पक्ष के वकील रणवीर सिंह के मुताबिक ''मुस्लिम पक्ष 100 बीघा भूमि को कब्रिस्तान व मजार बताकर उस पर कब्जा करना चाहता है. उसी को लेकर उन्होंने कोर्ट के समाने सारे सबूत पेश कर दिए हैं, जबकि लाक्षागृह का इतिहास महाभारत कालीन है, जिसके बारे में देश और दुनिया जानती है. लाक्षागृह टीले पर संस्कृत विद्यालय और महाभारत कालीन सुराग भी मौजूद है. इसके अतिरिक्त एएसआई ने यहां खुदाई कर प्राचीन सभ्यता के अवशेष बरामद किए थे, जिनके आधार पर हिंदू पक्ष ने मजार सहित पूरे हिस्से को महाभारत कालीन बताकर कोर्ट से मालिकाना हक दिए जाने की मांग की.''

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