खुशखबरी! जन्मजात कटे होंठ और तालू वाले बच्चों की होगी फ्री सर्जरी, 31 अगस्त तक कराएं रजिस्ट्रेशन
Barabanki Positive Story: स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत जन्मजात कटे होंठ और तालू वाले बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लाने की कोशिश की जा रही है. जन्मजात कटे होंठ और तालू वाले बच्चों की फ्री सर्जरी के लिए रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं.
नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: केंद्र की मोदी सरकार की पहल से जन्मजात कटे होंठ और तालू वाले बच्चों के पेरेंट्स को बड़ी राहत मिल रही है. दरअसल बाराबंकी जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत स्माइल ट्रेन संस्था के सहयोग से जन्म से कटे होंठ और तालू वाले बच्चों का निःशुल्क ऑपरेशन और उपचार किया जा रहा है. ऐसे बच्चों की स्क्रीनिंग के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में फ्री रजिस्ट्रेशन शिविर आयोजित किया जा रहा है. यह शिविर 31 अगस्त तक रहेगा. शिविर में जितने भी बच्चों का रजिस्ट्रेशन हो जाएगा, उनका फ्री ऑपरेशन और पूरा इलाज लखनऊ स्थित हेल्थ सिटी ट्रामा सेंटर एवं सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के प्लास्टिक माइक्रोवस्कुलर कॉस्मेटिक एवं क्रेनियोफेशियल सर्जरी विभाग में किया जाएगा.
समय से इलाज पर समस्या से मिल जाएगा निजात
बाराबंकी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रामजी वर्मा ने बताया कि कई बच्चों के होंठ व तालू जन्म से कटे होते हैं. ऐसी समस्या लगभग 3000 जीवित शिशुओं में से एक को हो सकती है. यह होंठ के दोनों तरफ या एक ही तरफ संभव है. सामान्यतः होंठ के साथ तालू भी कटा होता है, लेकिन कभी-कभी केवल तालू के कटे होने की भी संभावना होती है. इसके कारणों में किसी भी चीज की स्पष्ट भूमिका प्रमाणित नहीं है. समय से पहचान और इलाज से इस दिक्कत से पूरी तरह निजात मिल सकती है.
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अब तक 13,000 से अधिक मरीजों का किया जा चुका फ्री ऑपरेशन
बच्चों के चेहरे पर मुस्कान देकर आत्मविश्वास जगाने में स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. वैभव खन्ना की अहम भूमिका है. उन्होंने बताया कि यह बीमारी बच्चों में जन्मजात होती है. प्लास्टिक सर्जरी द्वारा बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लायी जा सकती है. स्माइल ट्रेन संस्था द्वारा हर आयु और वर्ग के लोगों का इलाज पूरी तरह फ्री किया जाता है. उन्होंने बताया कि अभी तक इस प्रोजेक्ट के तहत 13,000 से अधिक मरीजों का फ्री ऑपरेशन किया जा चुका है. माता-पिता शुरुआती दौर में इस बीमारी को समझ नहीं पाते हैं. ऐसे में समय से सही मेडिकल हेल्प न मिलने से इस बीमारी का इलाज मुश्किल हो जाता है.
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सर्जरी देर से होने पर नहीं होता अच्छा परिणाम
वहीं, आरबीएसके के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. डीके श्रीवास्तव ने बताया कि अगर पैदायशी कटे होंठ व कटे तालू वाले मरीजों का सही समय पर ऑपरेशन हो जाये, तो उनके चेहरे पर जीवन भर मुस्कान रहती है. सर्जरी तो बाद में भी हो सकती है लेकिन परिणाम बहुत अच्छा नहीं होता है. आरबीएसके के डीईआईसी मैनेजर डॉ. अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि जन्मजात कटे होंठ एवं तालू की विकृति सर्जरी और अन्य उपचार से पूरी तरह ठीक हो सकती है. इसके इलाज में क्रेनियोफैशियल और ओर्थोग्नेटिक सर्जरी जैसी प्रक्रियाओं का भी इस्तेमाल होता है. ऐसे में यह बात महत्वपूर्ण है कि बच्चों का समय से इलाज हो जाए. जिससे जन्मजात विकृति पूरी तरह से ठीक हो जाए.
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