Barabanki:पूर्व मंत्री का विवादित बयान कहा, 2024 में छीन जाएगा वोटिंग का अधिकार
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Barabanki:पूर्व मंत्री का विवादित बयान कहा, 2024 में छीन जाएगा वोटिंग का अधिकार

समाजवादी पार्टी के नेता एवं पूर्व मंत्री ने एक विवादित बयान दिया है. एक कार्यक्रम के दौरान फरीद महफूज किदवई ने कहा है कि 2024 में आखिरी बार लोगों को वोटिंग का मौका मिलेगा. ऐसा उन्होंने किस आधार पर कहा है यह तो वही जानें लेकिन अगले लोकसभा चुनाव के लिए सियासी बयानबाजी का दौर शुरू हो चुका है.

 

Barabanki:पूर्व मंत्री का विवादित बयान कहा, 2024 में छीन जाएगा वोटिंग का अधिकार

नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के हालिया विधानसभा चुनाव और उसके बाद के लोकसभा उपचुनाव में मिली शिकस्त के बाद समाजवादी पार्टी ने संगठन को मजबूत बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं. इसके तहत समाजवादी पार्टी जिलों में सदस्यता अभियान चला रही है. 24 अगस्त को बाराबंकी जिले में भी सदस्यता अभियान के प्रभारी राकेश कुमार वर्मा सहित जिले के अन्य सपा नेताओं ने सदस्यता अभियान चलाया. सपा के इस सदस्यता अभियान के कार्यक्रम में भारी संख्या में लोग पहुंचे. इस दौरान काफी लोगों ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली. कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए हैं समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक फरीद महफूज किदवई ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आप लोगों को 2024 में आखरी मौका मिलेगा वोटिंग करने का 2024 में भी हार गए तो आपसे यह भी पावर छीन लिया जाएगा, इसलिए आप लोग समाजवादी पार्टी को वोट करें.

सपा ने बदली रणनीति

यूपी विधानसभा चुनाव 2017 और 2022 के बाद रामपुर- आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी ने अपनी रणनीति में फेरबदल शुरू कर दिया है. सपा भाजपा के फार्मूले पर सदस्यता अभियान चला रही है. यूपी के हर जिले में सदस्यता अभियान को गति देने के लिए प्रभारी को जिम्मेदारी दी गई है.

बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश वर्मा को प्रभार

बाराबंकी जिले में कद्दावर नेता बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे व पूर्व मंत्री राकेश वर्मा को सपा ने सदस्यता अभियान का प्रभारी बनाया है. 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. इस बीच नेता जमीन मुद्दों के बजाय ऐसे मुद्दे उठाने से भी गुरेज नहीं करते हैं जिनका सामाजिक और राजनीतिक सरोकार से कोई खास वास्ता नहीं होता है. बेहतर ये होगा कि सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष के नेता जमीनी मुद्दों पर बात करें.

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