बरेली में साइबर ठगी के एक ऐसे नेटवर्क पर पुलिस शिकंजा कसने की तैयारी में है, जिसमें लड़कियां लोगों को न्यूड तस्वीर और वीडियो दिखाकर ब्लैकमेल करती हैं. जनवरी से अब तक पुलिस के पास ऐसे 30 मामले पहुंच चुके हैं.
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अजय कश्यप/बरेली: देश में इंटरनेट की दुनिया का जैसे-जैसे विस्तार हो रहा है. साइबर क्राइम के मामले भी उसी रफ्तार से बढ़ रहे हैं. साइबर ठग अब अपनी शक्ल भी बदलने लगे हैं. साइबर स्पेस पर मौजूद ठगों के क्राइम का मॉड्युल भी बिल्कुल बदल चुका है. साइबर क्राइम के ऐसे ही मामलों में सबसे अधिक केस हनीट्रैप के हैं. हनीट्रेप के इन मामलों में इंटरनेट और सोशल मीडिया में सुंदर लड़कियां अपने हुस्न के जाल में फंसाकर लोगों को तरह-तरह से ब्लैकमेल करती हैं. बरेली में जनवरी से अब तक हनीट्रैप से जुड़ी 30 शिकायतें मिल चुकी हैं.
हनीट्रैप के साइबर मॉड्यूल को समझें
बरेली के एसपी क्राइम मुकेश प्रताप सिंह ने कहा कि जिस तरह साइबर फ्रॉड बढ़ रहा है, उससे सोशल मीडिया में अपनी मौजूदगी के वक्त कुछ ऐहतिताय जरूर बरतना चाहिए. उन्होंने इस पूरे ब्लैकमेलिंग मॉड्यूल का खुलासा करते हुए बताया कि हनी ट्रेप के मामलों में गिरोह में शामिल लड़के और लड़कियां अपने शिकार को कॉल करते हैं. इस नेटवर्क में शामिल लड़कियां इसके लिए जिस नंबर या सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल करती हैं वह फर्जी होता है. साइबर हसीना लोगों से अश्लील बाते करने लगती है. सामने वाला व्यक्ति कब उसकी बातों में बहक जाता है उसे पता भी नहीं चलता. इस दौरान वीडियो चैटिंग में ही तरह-तरह के ऑफर दिए जाते हैं. इनमें ज्यादातर मामले बैंकिंग लोन और जॉब ऑफर करने के होते हैं. कई बार गिरोह में शामिल लड़कियां खुद को आपत्तिजनक स्थिति में दिखाकर लोगों से न्यूड तस्वीर और वीडियो मांगती हैं. एक बार जब सामने वाला व्यक्ति उनकी बातों पर भरोसा कर बैठता है तो वह बातों ही बातों में एटीएम नंबर, ओटीपी नंबर के जरिए आपके अकाउंट में सेंध लगा लेती हैं. जनवरी से अब तक बरेली पुलिस के पास 30 शिकायतें आई हैं. पुलिस का कहना है कि हनीट्रैप का यह नेटवर्क भरतपुर राजस्थान से संचालित हो रहा है.
भूलकर भी यह न करें
अनजान व्यक्ति के फोन कॉल को रिसीव न करें, देर तक बातें और दोस्ती न करें.
सस्ता लोने दिलाने से लेकर कोई भी ऑफर स्वीकार न करें.
भूलकर भी ओटीपी कभी शेयर न करें.
हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इससे पीड़ित व्यक्ति सीधे नेशनल क्राइम पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है.
गैर जरुरी सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने से बचें. अपने परिचितों के अलावा किसी से एनी डेस्क शेयर न करें.
साइबर ठगी की आशंका होने पर भी स्थानीय पुलिस से शिकायत करें.
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