Kanwar Yatra 2022 Meat Ban UP: सावन के दौरान कावड़ यात्रा का विशेष महत्व होता है. उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से कावड़ यात्रियों का जत्था सड़कों से गुजरेगा. इस दौरान उनके लिए तरह-तरह सुविधाएं स्थानीय प्रशासन मुहैया करा रहा है. मेरठ में जिला प्रशासन ने कावड़ यात्रा के राह में पड़ने वाली शराब व मांस की दुकानों पर कार्रवाई करनी शुरू कर दी है.
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पारस गोयल/मेरठ 14 जुलाई से पवित्र श्रावण मास शुरू हो रहा है. इस एक महीने में सावन के अनेक रंग देखने को मिलेंगे. इस मौके पर जगह-जगह मंदिरों में शिव भक्तों की भीड़ नजर आती है. पश्चिम उत्तर प्रदेश में भी शिव भक्तों का सैलाब सड़कों पर उमड़ रहा है. भक्तों का यह रेला कावड़ यात्रियों के रूप में सड़को से गुजर रहा है. इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों का असर दिखने लगा है. कांवड़ यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कह दिया है कि कांवड़ मार्ग पर कोई भी शराब और मीट की दुकान नहीं लगेगी.
सीएम के निर्देश के बाद पश्चिम उत्तर प्रदेश में प्रशासन हरकत में आ गया है. मेरठ में कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली शराब की दुकानों को अस्थाई तौर पर हटाने का आदेश दे दिया गया है. वहीं मीट की दुकानों को कावड़ यात्रा तक बंद कराने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. इसके बाद मेरठ में शराब की दुकानों को ढ़कने का काम शुरू हो गया है. मांस की दुकानों पर भी त्रिपाल लगा दी गई हैं. इससे कावड़ियों को यह दुकानें नजर ही नहीं आएंगी. यही नहीं रास्ते में लाइटिंग, साफ-सफाई और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था भी कराये जाने के निर्देश दिये गए हैं.
2 साल बाद शुरू हो रही है कावड़ यात्रा
दरअसल कावड़ मार्ग में शराब और मांस की दुकानें खुलने से भक्तों की धार्मिक भावनाएं भी आहत होती थीं. कोरोना के चलते 2 साल बाद कावड़ यात्रा की अनुमति मिली है तो शिव भक्तों में और भी ज्यादा उत्साह नजर आएगा. भीड़ को देखते हुए ट्रैफिक में भी कुछ अहम बदलाव किये गये हैं. प्रशासन का अनुमान है कि पहले से ज्यादा संख्या में शिव भक्त कावड़ लेकर आएंगे. जिलाधिकारी मेरठ दीपक मीणा के मुताबिक शराब और मीट की दुकानें कावड़ मार्ग पर है उन्हें त्रिपाल और काली पन्नी से ढक दिया जाएगा. इससे शिव भक्तों की धार्मिक भावनाओं पर ठेस नहीं पहुंचेगी.
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