Prayagraj News: जौहर अली विश्विद्यालय परिसर में तैनात पुलिस बल की तैनाती को हटाने की मांग वाली याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि यह मामला अपराधिक का नहीं है, इसे सिविल वाद के तौर पर दाखिल किया जा सकता है.
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मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक तरफ जहां हेट स्पीच मामले में आजम खान को विधायकी गवानी पड़ी है, तो वहीं दूसरी तरफ जौहर अली विश्विद्यालय परिसर से पुलिस बल हटाने की मांग वाली याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है.
कोर्ट ने आजम खान की याचिका को पोषणीय नहीं मानते हुए खारिज किया है. आजम की तरफ से अधिवक्ता नासिरा आदिल ने कोर्ट में पक्ष रखा. जिसमें उन्होंने कहा कि मौलाना जौहर अली विश्विद्यालय परिसर में पुलिस बल की तैनाती से पठन पाठन का माहौल खराब हो रहा है. छात्रों के साथ ही वहां पर पढ़ाने वाले शिक्षकों में डर और भय का माहौल है. रामपुर जिला प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए जौहर अली विश्विद्यालय परिसर में पुलिस की तैनाती की बात कही है. कोर्ट ने आजम खान की याचिका को पोषणीय नहीं मानते हुए खारिज कर दिया है.
बता दें कि सितंबर 2022 में रामपुर नगर पालिका की सफाई मशीन मौलाना जौहर अली विश्विद्यालय के परिसर में खुदाई के दौरान मिली थी। जिसमें आजम खान और उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम समेत कई अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. हालांकि आजम खान और उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम को पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिल गई थी. लेकिन जौहर अली विश्विद्यालय परिसर में तैनात पुलिस बल की तैनाती को हटाने की मांग वाली याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि यह मामला अपराधिक का नहीं है, इसे सिविल वाद के तौर पर दाखिल किया जा सकता है.
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इसके अलावा ज्ञानवापी परिसर के अंदर शिवलिंग मामले में साइंस्टीफिक सर्वे की मांग वाराणसी न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मुस्लिम पक्ष के मुख्य अधिवक्ता के नहीं होने के चलते कोर्ट ने आगे की सुनवाई के लिए तारीख लगाई है. मामले में अब 30 नवंबर को कोर्ट आगे की सुनवाई करेगा. बता दें, हिंदू पक्ष ने वाराणसी न्यायालय के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है.