JP Nadda Ghazipur Rally : बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव 2024 के चुनावी मिशन का शंखनाद शुक्रवार को पूर्वांचल के जिले गाजीपुर से किया. सवाल उठता है कि बीजेपी ने पूर्वांचल में गोरखपुर, वाराणसी की बजाय गाजीपुर क्यों चुना तो इसके पीछे मिशन 80 की रणनीति साफ दिखाई देती है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मुस्लिम यादव वोटबैंक के समीकरण को ध्वस्त करते हुए जिस तरह बीजेपी ने आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में जीत दर्ज की, वैसा ही टारगेट उसका रायबरेली, मैनपुरी, गाजीपुर जैसी लोकसभा सीटों को लेकर है. शुक्रवार सुबह यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सुबह वाराणसी पहुंचे. दोनों ने बाबा विश्वनाथ धाम और काल भैरव मंदिर में पूजा अर्चना की. 


गाजीपुर में पांच विधानसभा सीटें


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गाजीपुर में पांच विधानसभा सीटें हैं, जिनमें एक भी बीजेपी के पास नहीं है. गाजीपुर लोकसभा सीट भी बसपा के अफजाल अंसारी के पास है. गाजीपुर लोकसभा सीट पर यादव वोटर सबसे अधिक हैं। इसके बाद दलित फिर क्षत्रिय और बिन्द, मुस्लिम, राजभर के साथ अन्य जातियों का नम्बर आता है. 


राजभर फैक्टर


बाकी दो विधानसभा बलिया लोकसभा में आ जाती हैं, जिसमें मोहमदबाद और जहूराबाद शामिल हैं. यहां राजभर वोटर काफी मायने रखता है. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी प्रमुख ओमप्रकाश राजभर का झुकाव फिर बीजेपी की ओर है, जिसका फायदा 2024 में बीजेपी को मिल सकता है. 


भूमिहार नेता मनोज सिन्हा की हुई हार
कद्दावर भूमिहार नेता मनोज सिन्हा ने वर्ष 2014 में यहां मोदी लहर में बीजेपी को यहां से जीत दिलाई थी. लेकिन वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी कैबिनेट में कद्दावर मंत्री रहे और 2-2 मंत्रालयों का प्रभार संभालने वाले मनोज सिन्हा हार गए. उन्हें मुख्तार अंसारी के भाई और बसपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी ने 120956 वोट से हराया था.



गाजीपुर का जातीय समीकरण...


यादव : 3.75 - 4.00 लाख,
हरिजन / दलित : 3.50 - 4.00 लाख,
क्षत्रिय : 1.75 - 2.00 लाख,
मुस्लिम  :1.50 - 1.75 लाख,
पंडित : 80 - 1.00 लाख
भूमिहार : 50000 लगभग
बनिया : 1 लाख लगभग।
अन्य जातियां : 50000
राजभर : 75 हजार से 1 लाख
बिंद : 1.50 से 1.75 लाख
कुशवाहा : 1.50 से 1.75 लाख
अन्य अति पिछड़ी जाति :3 लाख


गाजीपुर से कब-कब कौन जीता


2019 में अफ़ज़ाल अंसारी बीएसपी
2014 मनोज सिन्हा  भारतीय जनता पार्टी  
2009  राधे मोहन सिंह समाजवादी पार्टी  
2004  अफज़ल अंसारी समाजवादी पार्टी  
1999 मनोज सिन्हा भारतीय जनता पार्टी
1998 ओमप्रकाश सिंह समाजवादी पार्टी  
1996  मनोज सिन्हा भारतीय जनता पार्टी  
1991 विश्वनाथ शास्त्री भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी  
1989  जगदीश कुशवाहा निर्दलीय
1984 ज़ैनुल बशीर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1980 जैनुल बशर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस  
1977 गौरी शंकर राय भारतीय लोक दल  
1971  सरजू पांडे भाकपा  
1967 एस पांडेय भाकपा
1957 हरि प्रसाद सिंह कांग्रेस
1952 हरि प्रसाद सिंह कांग्रेस


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