कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान और पूजा-पाठ का रखें ध्यान, सुबह इतने बजे से लगे जाएगा सूतक, ग्रहण में रखें ये सावधानियां
इस बार कार्तिक पूर्णिमा 7 नवंबर को रात से प्रारंभ हो रहा है 8 नवंबर को रात में खत्म होगी. इस कारण लोग 8 नवंबर को ही कार्तिक पूर्णिमा का व्रत रखेंगे और इसी दिन गुरु नानक जयंती भी मनाई जाएगी. ..
Chandra Grahan 2022: आठ नवंबर दिन मंगलवार को चंद्र ग्रहण लग रहा है. कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि पर लगने वाला यह साल 2022 का दूसरा चंद्र ग्रहण है. इस ग्रहण के कारण देव दीपावली एक दिन पहले मनाई जा रही है. चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण समय से 09 घंटे पहले ही प्रारंभ हो जाता है.चंद्र ग्रहण की शुरूआत भारत में शाम 04 बजकर 23 मिनट से होगी और इसका समापन 06 बजकर 19 मिनट पर होगा.जिस स्थान पर ग्रहण प्रारंभ का जो समय होगा, उससे 09 पहले से सूतक काल की गणना करनी चाहिए.
गुरु नानक जयंती 2022 डेट
मंगलवार को गुरु नानक जयंती का 553 वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा. इस बार कार्तिक पूर्णिमा 7 नवंबर को रात से प्रारंभ हो रहा है 8 नवंबर को रात में खत्म होगी. इस कारण लोग 8 नवंबर को ही कार्तिक पूर्णिमा का व्रत रखेंगे और इसी दिन गुरु नानक जयंती भी मनाई जाएगी.
चंद्र ग्रहण सूतक काल (पंचांग के अनुसार)
चंद्र ग्रहण सूतक-सुबह 09:21 बजे शुरू
सूतक काल समाप्त-शाम 06.18 बजे समाप्त होगा.
इतने घंटे पहले लग जाता है सूतक
सूर्य ग्रहण के दौरान 4 प्रहर के लिए सूतक मनाया जाता है और चंद्र ग्रहण के दौरान ग्रहण से पहले 3 प्रहर के लिए सूतक मनाया जाता है. सूर्योदय से सूर्योदय तक कुल 8 प्रहर होते हैं. इसलिए सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले और चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक मनाया जाता है. इसलिए 08 नवंबर को लग रहे चंद्र ग्रहण का सूतक काल सुबह 09 बजकर 21 मिनट से लग जाएगा.
नहीं किया जाता पूजा-पाठ का काम
ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि चंद्र ग्रहण के सूतक काल में भगवान की मूर्तियों को स्पर्श नहीं करना चाहिए. इस दौरान मंदिरों के पट भी बंद कर दिए जाते हैं. भोजन न करें और न बनाएं. अगर भोजन बना हुआ है तो उसमें तुलसी के पत्ते डालकर रखें.गर्भवती महिलाओं को खास ध्यान रखने की जरुरत है.किसी भी तरह के काटने-पीटने का काम न करें. बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ख्याल रखें.
जानें क्यों होता चंद्र ग्रहण
ग्रहण एक खगोलीय घटना है. चंद्र ग्रहण पूर्ण तौर से तब माना जाता है जब सूर्य, पृथ्वी और चांद एक सीध में आ जाते हैं. जब पृथ्वी, सूर्य और चांद के बीच आ जाती है तब चंद्र ग्रहण होता है. सूर्य की रोशनी चांद तक नहीं पहुंच पाती और चांद अंधकार में चला जाता है.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.
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