UP Chunav 2022: लखनऊ में बोले सीएम योगी- ब्राह्मण खुद कष्ट भोगते हैं, लेकिन धर्म पर आंच नहीं आने देते
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UP Chunav 2022: लखनऊ में बोले सीएम योगी- ब्राह्मण खुद कष्ट भोगते हैं, लेकिन धर्म पर आंच नहीं आने देते

सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने ब्राह्मण परिवार के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि ब्राह्मण खुद कष्ट भोगते हैं, लेकिन धर्म पर आंच नहीं आने देते. वें संस्कृति का बाल बांका नहीं होने देंगे. दुनिया के अंदर बहुत सारे मजहब मजहब संप्रदाय आए सब कालखंड में समाहित हो गए.

सीएम योगी आदित्यनाथ

लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने ब्राह्मण परिवार के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि ब्राह्मण खुद कष्ट भोगते हैं, लेकिन धर्म पर आंच नहीं आने देते. वें संस्कृति का बाल बांका नहीं होने देंगे. दुनिया के अंदर बहुत सारे मजहब मजहब संप्रदाय आए सब कालखंड में समाहित हो गए. पूरी दुनिया में अपने झंडे को गाड़ कर चल रहा है तो ब्राह्मण है वह ब्रह्म तत्व हमारे पास मौजूद है. 

सीएम योगी के आगे कहा कि 2019 में प्रयागराज में कुंभ का आयोजन होना था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था. कुंभ ऐसा होना चाहिए जो अब तक का सबसे अच्छा हो. महर्षि भारद्वाज की भव्य प्रतिमा हमने प्रयागराज में लगाई. बस्ती की पहचान महर्षि वशिष्ठ से है. इसलिए वहां बने मेडिकल कॉलेज का नाम उन्हीं के नाम पर रखा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान का संबंध हमारे महाभारत काल से और हमारे रामायण काल से भी रहा है. उस अफगानिस्तान में जब तालिबानी घुस के आधी आबादी जो महिला बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं ऐसे क्या कोई सभ्य समाज का समर्थन कर सकता है ?

सीएम योगी ने बिना नाम लिए अखिलेश यादव पर साधा निशाना 
सीएम योगी ने कहा भारत की संस्कृति बचाने के लिए आजाद भारत में देश के अंदर देश की रियासतों को जोड़ने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल थे, जिन्होंने भारत के अंदर उस समय सोमनाथ का पुनरुद्धार के माध्यम से एक नई अलख जलाई थी. एक तरफ सरदार पटेल हैं जो राष्ट्र नायक हैं. दूसरी तरफ खलनायक के रूप में राष्ट्र तोड़क जिन्ना भी हैं सरदार पटेल की कोई तुलना जिन्ना से करने लग जाए तो यह वोट बैंक की निकृष्ट राजनीति होगी व्यक्ति के लिए देश की कीमत पर राजनीति करना हो सकता है. लेकिन, भारत का कोई भी सभ्य समाज या नागरिक इसको स्वीकार नहीं कर सकता है. अगर सरदार पटेल भारत के सभी देसी रियासतों को एकजुट करने में उस समय अगर कहीं भी कोई गलती रह गई होती क्या चित्र होता भारत का क्या स्थिति होती?

'हुक्मरानों  के लिए  कश्मीरी पंडितों की पीड़ा महत्वपूर्ण नहीं थी'
सीएम योगी ने कहा 500 वर्षों तक अयोध्या मंदिर के लिए संघर्ष चला कश्मीर से निकाले गए पंडितों की स्थिति को कौन विस्तृत कर सकता है. क्यों कश्मीर से कश्मीरी पंडित भगाए गए क्यों नहीं अब तक उस आवाज को देश की आजादी के बाद देश के हुक्मरानों के कानों की आवाज में पीड़ा पहुंच पाई थी. कारण साफ था. सबके लिए सत्ता महत्वपूर्ण थी. अपने कुर्सी महत्वपूर्ण थी. कश्मीरी पंडितों की पीड़ा महत्वपूर्ण नहीं थी.इसलिए कश्मीरी पंडितों की पीड़ा को अपनी पीड़ा माना हमने कश्मीर से धारा 370 एक झटके में निकाल कर कूड़े के ढेर में फेंक दिया और कश्मीर को एक भारत श्रेष्ठ भारत का हिस्सा बनाने में कोई देरी नहीं की.

राम जन्म भूमि के लिए कौन ऐसा हिंदू है जिसकी भुजाएं ना फड़कती रही हो कि कब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य प्रशस्त होगा. कोई ऐसा सच्चा हिंदू नहीं रहा होगा और उस सपने को साकार किसने किया है हमें नहीं भूलना चाहिए. आज के दिन में देश का या प्रदेश का कोई ऐसा राजनीतिक दल का व्यक्ति नहीं है जो यह कह सके कि कश्मीर के मुद्दे पर हमें मौका नहीं मिला था. कोई यह नहीं कह सकता कि हमें मौका नहीं मिला इसलिए हम नहीं कह सकते अयोध्या के मुद्दे पर भी यह नहीं कह सकते.

तुलसीदास जी के नारे को किया याद 
इशारों ही इशारों में समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव पर निशाना साधते हुए सीएम योगी ने कहा कि जब आपको मौका मिला तो आप राम भक्तों पर गोली चला रहे थे. हर व्यक्ति जानता है जब आपको मौका मिला था तब आप कहते थे राम और कृष्ण तो हुए ही नहीं हैं, जब आपको मौका मिला था तब आप उस समय कहते थे अयोध्या में तो परिंदा भी पर नहीं मार सकता. लेकिन, हमें मौका मिला तो हमने भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया. हमें मौका मिला तो कश्मीर से धारा 370 को हटाने में कोई कोताही नहीं बरती और कश्मीर में पंडितों की वापसी की कार्यवाही को भी आगे बढ़ाया और अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर के काम को भी आगे बढ़ाया.

क्योंकि हमें मालूम है भारत का महान माना था जब चाणक्य देश में भारत को एक नई दिशा दे रहा था और आप सब चाणक्य के वंशज हैं उस कालखंड में तमाम चाटुकार थे जो अकबर की चाटुकारिता करते थे मुगल शासकों के इर्द-गिर्द जा कर दो मिलाने का काम करते थे तुलसीदास जी को भी कहा गया लेकिन उन्होंने कहा कि एक बाहरी हमारा राजा नहीं हो सकता. महान नहीं हो सकता उस कालखंड में उन्होंने नारा दिया था बोलो राजा रामचंद्र की जय हमारा एक ही राजा है. देश को लेकर चलेंगे शांति का संदेश लेकर लेकिन अगर देश को चुनौती देगा जो हमारे धनुष बाण भी तैयार हैं.

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