Sanjeev Jeeva murder: क्या शूटर विजय यादव पुलिस को गुमराह कर रहा है, जीवा मर्डर केस पर दिए बयानों में विरोधाभास
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Sanjeev Jeeva murder: क्या शूटर विजय यादव पुलिस को गुमराह कर रहा है, जीवा मर्डर केस पर दिए बयानों में विरोधाभास

Sanjeev Jeeva murder: जीवा हत्याकांड के आरोपी शूटर विजय यादव की पुलिस कस्टडी रिमांड अर्जी पर 14 जून को सुनवाई होगी. उधर विजय यादव के अब तक के बयानों से कई अहम सवाल उठ रहे हैं. सवाल है कि क्या वह पुलिस को गुमराह कर रहा है.

Sanjeev Jeeva murder: क्या शूटर विजय यादव पुलिस को गुमराह कर रहा है, जीवा मर्डर केस पर दिए बयानों में विरोधाभास

विशाल सिंह/लखनऊ: जीवा मर्डर केस के आरोपी विजय यादव को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ के लिए विवेचक ने सीजेएम कोर्ट में सोमवार को अर्जी दी.न्यायालय ने हत्यारोपित को अदालत में तलब करने का भी आदेश दिया है.विवेचक और एसआइटी हत्यारोपित से पुलिस कस्टडी रिमांड पर पूछताछ करेगी. उधर शूटर विजय यादव के बयान पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.बयानों की पुष्टि की शुरुआती जांच में कई विरोधाभास सामने आए हैं. दरअसल लखनऊ जिला जेल में वर्तमान में आतिफ नाम के चार कैदी बंद हैं. इनमें से किसी के भाई का नाम असलम या अशरफ नहीं है. न ही संजीव व किसी आतिफ का विवाद सामने आया. इस वजह से विजय के बयान पर सवाल खड़े हो रहे हैं. आखिर ये किस असलम और आतिफ की बात कर रहा है. कहीं ऐसा तो नहीं साजिश के तहत ही ये बयान दिया गया है. उल्लेखनीय है कि 7 जून को संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा पेशी पर एससी-एसटी कोर्ट लाया गया था. तभी कोर्ट रूम में उसको गोलियों से भून दिया गया था. जौनपुर निवासी शूटर विजय यादव दबोच लिया गया था. वह जेल में बंद है.

पहला सवाल
विजय यादव ने दावा किया है कि असलम नाम के शख्स ने सुपारी थी. उसका भाई आतिफ लखनऊ जेल में बंद है. जेल सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में लखनऊ जेल में चार आतिफ बंद हैं. इसमें से दो कानपुर व एक-एक महाराष्ट्र और गाजीपुर का रहने वाला है.जब विजय का बयान आया तब जेल प्रशासन ने अपने स्तर से इस बारे में तहकीकात की, जिसके बाद ये जानकारी सामने आई. अब सवाल है कि क्या विजय ने फर्जी कहानी गढ़ी है. अगर ऐसा है तो क्यों? आशंका है कि जो उसका आका है उसी ने इस तरह की कहानी उसको बयां करने का हुक्म दिया था.फिलहाल जांच टीमें इस तथ्य के सत्यापन करने में जुटी. 

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दूसरा सवाल
संजीव जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में रहता था. ऐसे में उसका किसी से विवाद होना कैसे संभव है. विजय ने दावा किया कि असलम ने उसको बताया कि संजीव ने उसके भाई आतिफ की दाढ़ी नोची थी. ये बात गले नहीं उतर रही है. वहीं सूत्रों के मुताबिक वह बिल्कुल भी अकेला रहता था. जेल में बंद कोई भी कैदी व बंदी उसका करीबी नहीं था. जेल प्रशासन की जानकारी में भी कोई वाद विवाद सामने नहीं आया. अगर ऐसा हुआ होता तो जानकारी होती. संजीव की बैरक व उसके आसपास का पूरा एरिया सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में था.

वहीं दूसरी ओर शूटर विजय यादव उर्फ आनंद के कुबूलनामे का एक वीडियो सोमवार को वायरल हुआ. इसमें वह दावा करते सुनाई दे रहा है कि काठमांडू में उसकी मुलाकात असलम नाम के शख्स से हुई थी. उसने संजीव को मारने की 20 लाख की सुपारी दी थी. ऐसे में अब जांच एजेंसी हर एंगल से इस मर्डर मिस्ट्री की जांच कर रही हैं.

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