गौरव तिवारी/कासगंज : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत उन किसानों के खातों में भी धनराशि पहुंच रही थी जिनकी योजना का लाभ लेते लेते मृत्यु हो चुकी है. इसके अलावा ढाई हजार ऐसे किसान हैं जो योजना के लिए अपात्र पाए गए हैं. कृषि विभाग के जमीन से जुड़े डाटा की फीडिंग के दौरान इस मामले का खुलासा हुआ है. अभी तक इन लोगों से 25 लाख की रिकवरी हुई है और कार्रवाई अभी जारी है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कासगंज में कृषि विभाग के द्वारा लगातार गांव-गांव चौपाल लगाकर किसानों को किसान सम्मान निधि योजना के तहत जनसेवा केंद्रों पर ई केवाईसी और आधार सीडिंग के लिए कहा जा रहा था, जिससे कि पात्र किसानों को योजना का लाभ सुचारू रूप से मिलता रहे. किसानों के खातों में राशि समय से पहुंचती रहे. लेकिन बावजूद इसके हजारों किसानों ने इसमे दिलचस्पी नहीं दिखाई. ऐसे में कृषि विभाग द्वारा डाटा फीडिंग कैंपने में 5500 किसान अब इस दुनिया में नहीं हैं. बावजूद इसकेकिसान सम्मान निधि योजना की राशि उनके खातों में लगातार जा रही थी.


वहीं लगभग ढाई हजार ऐसे किसान हैं जो या तो भूमि हीन हैं या फिर अन्य कारणों से अपात्र घोषित किये गए हैं. "इनमे 250 ऐसे भी अपात्र हैं जो पति-पत्नी हैं और दोनों के ही खातों में योजना की राशि पहुंच रही थी" जिला कृषि अधिकारी सुमित चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि भू लेख अंकन के दौरान यह जानकारी सामने आते ही मृतकों के खातों में किसान सम्मान निधि योजना की राशि भेजे जाने पर तत्काल रोक लगा दी गयी है. 


यह भी पढ़ें: Lucknow: नहीं थम रहा स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर बवाल, सपा कार्यालय के बाहर बीजेपी और एसपी कार्यकर्ताओं में झड़प


मृतकों के खातों से अथवा तो उनके परिवारीजनों से और योजना के लिए अपात्र पाए गए लोगों से रिकवरी की शुरुआत हो चुकी है. अब तक हमने 25 लाख रुपये की रिकवरी भी कर ली है. जिला कृषि अधिकारी सुमित चौहान के मुताबिक सभी किसानों से यही कहना है कि जनसेवा केंद्रों पर पहुंच कर अपनी ई केवाईसी और आधार सीडिंग करवा लें. इससे बिना रुकावट के किसान सम्मान निधि उनके खाते में पहुंचती रहेगी. कासगंज जिले के लगभग 2.10 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत लाभ दिया जा रहा है. पात्र किसानों के खातों में दो दो हजार रुपये की किस्त हर तीसरे माह भेजी जाती है.


WATCH:  विधान परिषद चुनाव 2023 में बजा बीजेपी का डंका