समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरित मानस पर दिए गए बयान पर वार-पलटवार अब भी जारी है. शुक्रवार को सपा और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई.
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लखनऊ : समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर भाजपा कार्यकर्ता और सपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई. कानपुर से कुछ लोग हाथों में रामचरितमानस लिए सपा मुख्यालय अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे. उनका कहना है कि वह भाजपा के नेता हैं और जिस तरीके से रामचरितमानस का अपमान किया जा रहा है, वह अखिलेश को रामचरितमानस भेंट करके चौपाई का मतलब समझाना चाहते हैं. इस बीच कार्यालय के बाहर ही सपा कार्यकर्ताओं ने उन लोगों को घेर लिया और नारेबाजी शुरू कर दी.
मंगलवार को भी लखनऊ में सपा कार्यालय के बाहर एक पोस्टर लगाया गया था. इसमें लिखा था, ‘गर्व से कहो हम शूद्र हैं’. इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरित मानस पर की गई विवादित टिप्पणी के बाद अखिलेश यादव ने कहा था कि मैं सीएम योगी से पूछना चाहूंगा कि मैं शूद्र हूं या नहीं. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश के इस बयान पर प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था, "अखिलेश इस तरह से दलितों की सहानुभूति लेना चाहते हैं."
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विहिप ने भी खोला मोर्चा
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री ने रामचरितमानस पर चल रहे घमासान को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उनका सीधा कहना है ये रामचरितमानस मानस का नहीं सारे हिंदू समाज की भावनाओं का अपमान कर रहे हैं. समय आने पर हिंदू समाज इसका जवाब इनको जरूर देगा. जैसे ये स्टेटमेंट दे रहे है हमारा स्पष्ट मत है ऐसे लोगो को तत्काल गिरफ्तार किया जाए जेल मे डाल देना चाहिए. विहिप के प्रांत मंत्री राजकमल गुप्ता ने सपा और राष्ट्रीय जनता दल का नाम लेते हुए साफ शब्दों में इस बात को कह दिया है की हमारा केंद्रीय प्रतिनिधि मंडल चुनाव आयोग के पास जा रहा है. हम ऐसे लोगों की सदस्यता रद्द करके इन पार्टियों को बैन करने की मांग करेंगे.
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