Mainpuri Byelection Result 2022: समाजवादी पार्टी प्रत्याशी डिंपल यादव ने मैनपुरी लोकसभा सीट से बड़ी जीत दर्ज की है. उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य को चुनावी मैदान में करारी शिकस्त दी है. जानिए वो बड़ी वजह जिन्होंने डिंपल की राह आसान की.
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Mainpuri Byelection 2022 Result: मैनपुरी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजों का ऐलान हो चुका है. नेताजी के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर सपा उम्मीदवार डिंपल यादव और बीजेपी के रघुराज सिंह शाक्य के बीच मुकाबला था, जहां जीत का सेहरा डिंपल यादव के सिर बंधा है. जानिए क्या वजह हैं कि सपा को मैनपुरी में जीत हासिल हुई है. उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य को 2 लाख 88 हजार 461 वोटों से से हराया.
नेताजी के निधन के बाद सहानुभूति
मैनपुरी से सांसद रहे सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई सीट पर होने वाले चुनाव पर सभी की नजरें टिकी हुई थीं. सपा की ओर से पूर्व सांसद और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव चुनावी मैदान में थीं. वहीं, बीजेपी ने यहां से रघुराज सिंह शाक्य को चुनावी मैदान में उतारा था. गढ़ की सीट को बचाने के लिए सपा के सामने चुनौती थी. वहीं बीजेपी ने भी सपा के किले सेंधमारी की कोई कसर नहीं छोड़ी, सूबे के बड़े नेताओं ने यहां डेरा डालकर खूब प्रचार किया. लेकिन 'नेताजी' की सीट पर वोटरों ने उनकी बहू को आर्शीर्वाद दिया.
चाचा शिवपाल यादव का साथ
डिंपल यादव की जीत में प्रसपा अध्यक्ष और जसवंतनर से विधायक शिवपाल यादव का खास योगदान माना जा रहा है. विधानसभा चुनाव के बाद शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच दूरियां नजर आ रही थीं, लेकिन उपचुनाव में चाचा-भतीजे एक साथ आ गए. इसके बाद शिवपाल ने बहू को केवल आशीर्वाद दिया बल्कि जनसभाओं और डोर टू डोर कैंपेन के जरिए वोटरों से बहू को बड़े मार्जिन से जिताने की अपील भी की. जिसका असर परिणाम में नजर आया. बता दें, जसवंतनगर में शिवपाल की वोटरों पर अच्छी पकड़ मानी जाती है.
जातीय समीकरण
मैनपुरी सीट पर जातीय समीकरण का दांव-पेच भी खूब असर डालता है. यहां पिछड़े वर्ग के वोटरों की बहुलता है, जिसमें सबसे ज्यादा करीब 3.5 लाख यादव मतदाता है. इसके बाद शाक्य, ब्राहम्ण, जाटव, लोधी और कुर्मी मतदाता भी एक-एक लाख से ज्यादा हैं. सपा का इन वोटरों पर प्रभाव माना जाता है. बीजेपी ने इसी वजह से यहां से रघुराज सिंह शाक्य को टिकट दिया था, लेकिन चुनाव में वह वोटरों को खास लुभाने में कामयाब नहीं हो सके.
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यादव परिवार ने झोंकी ताकत
नेताजी की सीट को अपने पाले में रखने के लिए मैनपुरी उपचुनाव में यादव परिवार ने पूरी ताकत झोंक दी. अखिलेश यादव, रामगोपाल यादव, धर्मेंद्र यादव, शिवपाल यादव सहित पूरे परिवार ने एकजुटता का संदेश दिया. सभी न केवल हर मंच पर साथ नजर आए बल्कि प्लान बनाकर सभी पांचों विधानसभाओं में चुनाव प्रचार किया. रिजल्ट में इसका असर दिखाई दिया.
सपा का गढ़ रहा है मैनपुरी
पिछले रिकॉर्ड पर नजर डालें तो इस सीट पर 90 के दशक से सपा का प्रभाव दिखाई दिया है. मुलायम सिंह यादव के परिवार के 3 सदस्य इस सीट से 6 बार जीतकर संसद पहुंच चुके हैं. इस सीट से मुलायम सिंह यादव चार बार, धर्मेंद्र यादव एक बार, तेजप्रताप यादव एक बार सांसद चुने गए हैं. मुलायम परिवार के तीन लोग अब तक 17 साल तक सांसद रह चुके हैं.