PSPL merged with SP: मैनपुरी उपचुनाव के परिणाम के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश यादव एक हो गए हैं. शिवपाल यादव ने कहा कि अब हमारी गाड़ी में सपा का झंडा लगेगा.
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PSPL merged with SP: मैनपुरी उपचुनाव के परिणाम के बीच बड़ी खबर सामने आई है. जहां शिवपाल यादव की प्रगतिशील समादवादी पार्टी (लोहिया) और समाजवादी पार्टी का विलय हो गया है. प्रसपा का झंडा उतारकर शिवपाल ने घर पर सपा का झंडा लगाया है.
चाचा-भतीजे हुए एक
विधानसभा चुनाव के बाद जहां शिवपाल यादव और अखिलेश के रास्ते अलग दिखाई दे रहे थे.लेकिन नेताजी के निधन बाद मैनपुरी उपचुनाव में चाचा-भतीजे साथ नजर आए. शिवपाल यादव ने इसके बाद बहू डिंपल यादव के लिए जमकर चुनाव प्रचार किया. जसवंत नगर में हुए जनसभा में अखिलेश यादव ने पैर छूकर चाचा का आशीर्वाद भी लिया. इसके बाद दोनों पुराने गिले शिकवे भुलाकर विरोधियों पर निशाना साधते नजर आए. बता दें, 2022 के विधानसभा चुनाव में शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ा था. लेकिन इसके बाद उनके और अखिलेश यादव के बीच दूरियां बढ़ती दिखाई दीं.
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) December 8, 2022
वहीं, हाल ही में सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि अखिलेश यादव चाचा शिवपाल को यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बना सकते हैं. इस खबर के जिसके प्रसपा और सपा में विलय के के बाद कयास और तेज हो गए हैं. बता दें, शिवपाल यादव ने बहू डिंपल यादव को चुनाव में जिताने के लिए खूब प्रचार किया है. माना जा रहा है कि इसके लिए चाचा को इनाम मिलना तय है.
शिवपाल सिंह यादव को अखिलेश देंगे इनाम, चाचा को यूपी विधानसभा में नेता विपक्ष बनाने की तैयारी : सूत्र
गौरतलब है कि सपा से अलग होने के बाद शिवपाल सिंह यादव ने नवंबर 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया था. वह खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष बने जबकि सुंदरलाल लोधी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था. विधान सभा चुनाव 2022 से ठीक पहले शिवपाल सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दिया और सपा की सदस्यता ले ली. वहीं हाल में उन्होंने बेटे आदित्य यादव को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी.