लखनऊ : चीन के बाद भारत में सबसे ज्यादा डायबिटीज मरीज है. भारत में 7 करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज से परेशान हैं. जिस तेजी से डायबिटीज के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए इससे बचाव के उपाय तेज करने होंगे. दरअसल, डायबिटीज की वजह से किडनी, लिवर, हार्ट और आंखों को सबसे अधिक खतरा रहता है. मधुमेह या डायबिटीज की सबसे बड़ी वजह गलत खान-पान और लाइफस्टाइल को बताया जाता है. ऐसा कहा भी जाता है कि हमारा शरीर हर तरह की बीमारियों और कमियों के बारे में खुद ही संकेत देना शुरू कर देता है. ऐसे में डायबिटीज होने से पहले के लक्षण को समझना जरूरी है. 


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वैसे भी डायबिटीज की दस्तक मतलब आपकी सेहत पर कई तरह की बीमारियों का हमला हो सकता है. इसलिए समय रहते प्री-डायबेटिक स्टेज को पहचानें और आदतों में अच्छा बदलाव लाकर डायबिटीज की हमेशा के लिए छुट्टी कर दें.


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डायबिटीज की प्री स्टेज बताते हैं ये पांच लक्षण


1.जल्दी-जल्दी प्यास लगना : स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक जब किसी को अधिक प्यास लगती है तो इसका सीधा मतलब है कि ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ रही है. ऐसे में डॉक्टर के परामर्श से इसका पता लगाएं कि बार-बार प्यास क्यों लग रही है.


2.बार-बार पेशाब जाना : डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों में यह सबसे खास  है. बार-बार पेशाब जाने या पानी पीने के थोड़ी देर में ही पेशाब जाने से पता चलता है कि किडनी ठीक तरह से काम नहीं कर रही है. यह खून में शुगर का अनुपात ज्यादा होने की वजह से हो सकता है.


3.भूख अधिक लगना : वैसे तो भूख ज्यादा लगने की दूसरी वजह भी हो सकती हैं. लेकिन ऐसी स्थिति में बल्ड शुगर टेस्ट जरुर करा लें. शुगर लेवल जांचने के लिए जब भी टेस्ट कराने जाएं तो ध्यान रहे आप खाली पेट हों. यदि रिपोर्ट में शुगर लेवल 100 से ज्यादा है तो डॉक्टरी परामर्श लेकर उपचार शुरू करें.


4.बहुत जल्दी थकान लगना : कमजोरी, थकान, थोड़ी दूर चलने पर थक जाना यह प्री-डायबिटीज के शुरुआती लक्षण हैं. ऐसी स्थिति में डॉक्टर को दिखाना बेहतर रहेगा.


फौरन लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव


1.डायबिटीज के लक्षण पता चलने से टेंशन में आने की जरुरत नहीं है. यह आपके लिए एक मौका है अपनी सेहत को ठीक रखने का. सबसे पहले आपको अपनी रोजमर्चा की दिनचर्या को ठीक करना होगा. 


2.नींद पूरी करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ व्यायाम करें.


3.ज्यादा तली-भुनी चीजें, ज्यादा स्पाइसी चीजें, प्रोसेस्ड फूड, सैचुरेटेड फूड, पिज्जा, बर्गर, सॉफ्ट ड्रिंक, पैकेटबंद चीजें खाने के बजाय अंकुरित अनाज को डायट में शामिल करें.


4.मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, कोदो खानपान में शामिल करें.


5.ज्याद नमक और ज्यादा चीनी से भी परहेज कर लें. भारत सरकार की संस्था एफएसएएआई खुद चीनी नमक कम अभियान चलाकर लोगों को जागरुक कर ही है.


6.आपकी थाली में हरी सब्जी, फल का अनुपात बढ़ा लें.


7.बेवजह की तनाव से दूर रहें, बहुत लग्जरी सेवाओं के बजाय फिजिकली एक्टिव रहने वाले काम करें.


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