Sanjeev Jeewa Murder : गैंगस्टर संजीव जीवा शामली जनपद के बाबरी थाना क्षेत्र के गांव आदमपुर का रहने वाला था. संजीव जीवा ने 12वीं क्लास तक पढाई की थी और गांव से शामली आकर प्रतिदिन होम्योपैथिक की डॉक्टरी की शिक्षा ले रहा था. जानें संजीव की हत्या के बाद गांव वालों ने क्या कहा?.
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Sanjeev Jeewa Murder : लखनऊ कोर्ट परिसर में मारा गया गैंगस्टर संजीव जीवा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली जिले के आदमपुर गांव का रहने वाला था. गैंगस्टर के मर्डर के बाद जी न्यूज की टीम जब आदमपुर पहुंची तो ग्रामीणों ने जीवा के परिवार के किस्से बयां किए. ग्रामीणों ने बताया कि कैसे एक सीधा-साधा लड़का एक खूंखार क्रिमिनल बन गया. गांव वालों का कहना है कि गैंगस्टर संजीव जीवा का परिवार करीब 30 साल पहले ही गांव छोड़ चुका है. संजीव की हत्या के बाद उसके गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
12वीं की पढ़ाई के बाद होम्योपैथिक की पढ़ाई की
बता दें कि संजीव जीवा शामली जनपद के बाबरी थाना क्षेत्र के गांव आदमपुर का रहने वाला था. संजीव जीवा ने 12वीं क्लास तक पढाई की थी और गांव से शामली आकर प्रतिदिन होम्योपैथिक की डॉक्टरी की शिक्षा ले रहा था. गांव वालों की मानें तो संजीव का किसी से कोई विवाद गांव में कभी नहीं हुआ था.
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परिवार का किसी से कोई दुश्मनी नहीं
इतना ही नहीं गांव में सीधा-साधा किसान परिवार था. संजीव जीवा के परिवार में दो भाई और तीन बहनें हैं. संजीव जीवा के परिवार के बारे में लोगों ने बताया कि वह परिवार बड़ा सज्जन परिवार था, कभी किसी से कोई वाद-विवाद नहीं था.
गांव छोड़ने के बाद दिल्ली में रहने लगा था परिवार
संजीव जीवा के पिता ओमप्रकाश माहेश्वरी पर करीब 40 बीघा जमीन थी. इसमें वह लोग खेती-बाड़ी करते थे संजीव जीवा एक संपन्न और साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाला था. गांव छोड़ने के बाद मुजफ्फरनगर से सोनिया विहार दिल्ली में जीवा के परिवार रह रहा है. संजीव जीवा की शादी भी यहां से बाहर जाकर रहने के दौरान ही हुई थी. संजीव जीवा की हत्या के बाद गांव वालों में उसके परिवार और उसकी मौत पर हमदर्दी है.
कुर्क की गई थी संजीव की संपत्ति
गैंगस्टर संजीव जीवा और उसकी पत्नी पायल माहेश्वरी की करीब 8 बीघा जमीन प्रशासन की ओर से कुर्क की गई थी. भूमि दो हिस्सों में थाना आदर्श मंडी और सदर कोतवाली क्षेत्र में थी. जमीन की कीमत करीब 1.86 करोड़ रुपये बताई गई थी. इससे पहले संजीव और उसकी पत्नी व बच्चों के नाम आदमपुर गांव में 21 बीघा भूमि कुर्क हो चुकी है. यह जमीन उसने अपनी पत्नी और पुत्रों के नाम पर खरीदी थी.
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