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लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 ( UP Assembly Election 2022) में आयाराम गयाराम का दौर शुरू हो गया है. पूर्वांचल के बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी के विधायक बेटे विनय शंकर तिवारी (Vinay Shankar Tiwari) सांसद रहे कुशल तिवारी ने हाल में ही अखिलेश यादव से मुलाकात की है. कयास लगाया जा रहा है कि हरिशंकर तिवारी का पूरा कुनबा समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकता है. वहीं, सपा प्रमुख से मुलाकात की खबरों के बाद बहुजन समाज पार्टी ने इन नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
विजय शंकर तिवारी का पूरा कुनबा बसपा से निष्कासित
बसपा सुप्रीमो मायावती को जैसे ही पता चला कि यूपी के बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी के विधायक बेटे विनय शंकर तिवारी और सांसद रहे कुशल तिवारी ने अखिलेश यादव से मुलाकात की है तो उन्होंने दोनों नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया. इसी कड़ी में मंगलवार को एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए बसपा ने बताया कि गोरखपुर के चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र से बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी और इनके बड़े भाई कुशल तिवारी और इनके रिश्तेदार गणेश शंकर पांडे को पार्टी में अनुशासनहीनता करने व पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से सही व्यवहार न रखने के कारण इनको बहुजन समाज पार्टी से तत्काल प्रभाव से निष्कासित किया है.
गौरतलब है कि हरिशंकर तिवारी के बड़े बेटे कुशल तिवारी दो बार संतकबीर नगर से सांसद रहे हैं तो छोटे बेटे विनय शंकर तिवारी चिल्लूपार विधानसभा से बीएसपी विधायक हैं. गणेश शंकर पांडे, हरिशंकर तिवारी के भांजे हैं और बीएसपी सरकार में विधान परिषद के सभापति रहे हैं. बताया जा रहा है कि विनय तिवारी के साथ तीन अन्य ब्राह्मण चेहरे भी सपा में शामिल हो सकते हैं.
हरिशंकर तिवारी और वीरेंदे शाही के बीच वर्चस्व की लड़ाई ने ही यूपी में ठाकुर बनाम ब्राह्मण का रंग भरा था. प्रदेश की राजनीति में यही वो दो नाम भी हैं जिनसे सियासत में बाहुबलियों की एंट्री की शुरुआत हुई. हरिशंकर तिवारी गोरखपुर के चिल्लूपार विधानसभा से लगातार 6 बार विधायक रह चुके हैं. इसके अलावा कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह और मुलायम सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. हरिशंकर तिवारी को उत्तर प्रदेश में बाहुबलियों के गुरु कहा जाता है.
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