Hindu Nav Varsh: हर साल चैत्र मास की शुक्‍ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिन्‍दू नव वर्ष की शुरुआत होती है. इस बार कल यानी 22 मार्च को हिन्‍दू नववर्ष की शुरुआत होने जा रही है. इसी दिन से 9 दिनों का नवरात्रि भी शुरू हो जाता है. माना जाता है कि इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी. जिस तरह अंग्रेजी कैलेंडर में 12 महीने होते हैं, उसी तरह हिंदू पंचांग (Hindu Panchang) यानी हिंदू कैलेंडर (Hindu Calendar) में भी 12 महीने होते हैं. हालांकि, इस बार हिन्‍दू नववर्ष में 12 नहीं, 13 महीने होंगे. तो आइये जानते हैं 13वें महीने का क्‍या माजरा है. 


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ये है वजह
जानकारों का कहना है कि हिन्‍दू पंचांग के 5 प्रमुख अंग माने जाते हैं. ये पांच अंग हैं वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण. इनकी गणना करके हिन्‍दू कैलेंडर को तैयार किया जाता है. इसीलिए इसे पंचांग कहा जाता है. पंचांग चंद्र वर्ष पर आधारित होता है. एक चंद्र वर्ष में 354 से 360 दिन होते हैं. तिथियों के घटने और बढ़ने की वजह से महीने में और साल में दिन कम और ज्‍यादा होते हैं. आमतौर पर हर साल करीब 5 से 11 दिनों का अंतर आता है और हर तीन साल में ये अंतर करीब एक महीने के बराबर हो जाता है. इस स्थिति में साल में एक माह अतिरिक्‍त हो जाता है. अतिरिक्‍त माह को अधिकमास, मलमास या पुरुषोत्तममास के नाम से जाना जाता है. नए साल में भी एक अधिक मास होने के कारण साल 12 की बजाय 13 महीने का होगा. 


इस साल सावन होगा 60 दिनों का 


हिन्‍दू पंचांग के आधार पर इस साल सावन का महीना 30 दिनों की बजाय 60 दिनों का होगा, क्‍योंकि उसमें अधिक मास भी जुड़ जाएगा. इस साल सावन का महीना 4 जुलाई 2023 को शुरू होगा और 31 अगस्त 2023 को खत्‍म होगा. अधिक मास को शास्‍त्रों में विशेष महत्‍व दिया गया है. अधिक मास भगवान विष्‍णु को समर्पित होता है. इसमें किसी भी तरह का शुभ काम करना वर्जित होता है. इस महीने में ग्रह शांति, दान-पुण्‍य, तीर्थ यात्रा आदि करना अच्‍छा माना जाता है. 


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