लखनऊ: उत्तर प्रदेश की जेलें तिहाड़ जेल की तरह जल्द ही अत्याधुनिक बन जाएंगी. खास बात ये है कि अब यूपी की जेलों में नई तकनीक वाले खास तरह के मोबाइल जैमर लगाए जाएंगे. इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश सरकार के कारागार विभाग को सलाह दी है. सलाह मिलने के बाद कारागार विभाग ने खास तरह की इस नई तकनीक वाले जैमर को लेकर अध्ययन शुरू कर दिया है. जानकारी के मुताबिक जल्द ही इसका पायलट प्रोजेक्ट कुछ जेलों में शुरू किया जाएगा.


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आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की जेलों में मोबाइल का इस्तेमाल होना कोई नई बात नहीं है. यूपी के गाजीपुर समेत कई जेलों के अंदर का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जानकारी के मुताबिक पिछले साल डीएम और एसपी ने आजमगढ़ जिला जेल में औचक छापेमारी की थी. छापेमारी के दौरान उन्होंने जेल से 12 मोबाइल बरामद किए थे.


मोबाइल की मदद से अशरफ जेल से बजाता था घंटी
जानकारी के मुताबिक प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के जांच इससे जुड़े मामले सामने आए हैं. ये बात भी सामने आ रही है कि बरेली जेल में बंद माफिया अतीक अहमद का भाई अशरफ भी इस हत्याकांड के दौरान जेल में मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा था. दरअसल, जेलकर्मियों की मिलीभगत से उसका साला सद्दाम जेल में उसके लिए मोबाइल लेकर जाता था. उस मोबाइल की मदद से अशरफ गुजरात की साबरमती जेल में बंद माफिया अतीक अहमद और प्रयागराज में अपने परिजनों से बात करता था. 


मोबाइल की नई तकनीक के लिए ये जैमर कारगर
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की जेलों में फिलहाल, जो जैमर लगे हैं वो केवल 3-जी सिग्नल को रोक पाते हैं. वहीं, यूपी की 24 जेलों में लगे जैमर अभी 3-जी मोबाइल सिग्नल तक रोक सकते हैं. ऐसे में सभी के हाथों में 5-जी फोन आ चुका है. बंदियों के पास 4-जी और 5-जी तकनीक के फोन पहुंच जाते हैं. इसलिए पुराना जैमर उन्हें रोकने में कारगर नहीं बेकार साबित हो रहा हैं. 


इसी वजह से तिहाड़ जेल में इस्तेमाल होने वाले नए जैमर टॉवर तकनीक का इस्तेमाल यूपी की जेलों में करने की योजना बनाई गई है. आपको बता दें कि हारमोनियस कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम से लैस इस जैमर से हर तरह का सिग्नल रोका जा सकता है. कॉल भी नहीं की जा सकेगी.