नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे कल्याण सिंह (Kalyan Singh) साल 1932 में आज के ही दिन अतरौली में जन्मे थे. पूरे प्रदेश में कल्याण सिंह जैसा दिग्गज नेता के चर्चे रहे हैं. राम जन्भूमि को आज जो रूप मिला है, उसके लिए संघर्ष करने वालों में से एक कल्याण सिंह भी थे. वे हमेशा खुद से पहले अपने लोगों, अपने प्रदेश के बारे में सोचते थे. यही वजह थी कि उनके निधन पर इतनी भीड़ इकट्ठा हुई, जिसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता था. आज उनके बारे में कुछ ऐसे किस्से बताते हैं जो शायद सबको न पता हों.


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सरल स्वभाव के थे कल्याण सिंह
बीजेपी के कद्दावर नेता रहे दिवंगत कल्याण सिंह की यादें संभल जिले के देवापुर गांव से जुड़ी हुई हैं. संभल में उनका ससुराल है. उनकी सादगी और सरल स्वभाव की चर्चा कर कल्याण सिंह को यहां लोग हमेशा याद करते हैं. 


गांव वाले कहते थे 'बाबूजी'
कल्याण सिंह के साले और वरिष्ठ बीजेपी नेता गजराज सिंह ने कुछ समय पहले बताया था कि सभी लोग कल्याण सिंह को 'बाबूजी' कहकर बुलाते थे. उनकी सादगी और ईमानदारी के सभी लोग कायल थे. उड़द की धुली दाल उन्हें बेहद पसंद थी. जब भी वह ससुराल देवापुर आते थे, तो उड़द की दाल खास तौर से बनवाई जाती थी.


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कल्याण सिंह कहते थे- सफलता के लिए धैर्य का होना बहुत जरूरी
बताया जाता है कि जब भी लोग उन्हें बताया कि जब भी उनसे मुलाकात होती थी, तो वह उनका मार्गदर्शन करते थे. हमेशा उनसे कहते थे कि सफलता के लिए धैर्य का होना बहुत जरूरी है.


सीएम योगी ने कल्याण सिंह को किया याद
उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत नेता कल्याण सिंह को याद कर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. सीएम योगी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट कर लिखा, "लोकप्रिय जननेता, राम मंदिर आंदोलन में अतुल्य योगदान देने वाले भाजपा परिवार के कर्तव्यनिष्ठ सदस्य, उ.प्र. के पूर्व मुख्यमंत्री श्रद्धेय कल्याण सिंह जी को उनकी जयंती पर कोटिशः नमन. आदरणीय बाबू जी को उनके दृढ़ निर्णयों तथा शुचितापूर्ण जीवन के लिए सदैव स्मरण किया जाएगा.



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