कानपुर के संतोष भदौरिया करौली बाबा एक बार विवादों में घिर गए हैं. उन पर फर्जी रजिस्ट्री कर फ्लैट कब्जाने का आरोप लगा है.
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कानपुर : संतोष भदौरिया उर्फ करौली सरकार पर अब फर्जी रजिस्ट्री कराकर लोन लेने का आरोप लगा है. बीजेपी नेता ने उनके फ्लैट पर गलत तरीके से लोन लेने का आरोप लगाया है. आरोप है कि संतोष भदौरिया और उसके गुर्गों ने फ्लैट पर जबरन कब्जा करने का प्रयास किया था. बीजेपी नेता रवि सतीजा अब इंसाफ के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं.
कौन हैं करौली बाबा
संतोष सिंह भदौरिया करौली बाबा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बारह सगवर के रहने वाले हैं. बाबा का पेशा अपनाने से पहले वह किसान नेता रह चुके हैं. यहां तक की देश के दिग्गज किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के साथ भी उन्होंने काम किया है. संतोष सिंह ने महेंद्र सिंह टिकैत के साथ कई किसान आंदोलनों में बढ़-चढ़कर कर हिस्सा लिया. बताया जाता है कि उसी समय कानपुर में किसान यूनियन बड़े नेता संतराम सिंह की हत्या हो गई. इसके बाद महेंद्र सिंह टिकैत ने संतोष सिंह भदौरिया को कानपुर के सरसोल क्षेत्र की देखरेख करने के लिए बागडोर सौंप दी. करौली बाबा अपनी सियासी पैठ के लिए भी जाने जाते हैं. इससे पहले कोयला निगम का चेयरमैन भी रह चुके हैं.
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आजकल किसान नेता संतोष सिंह भदौरिया बाबा बनकर प्रवचन करने लगे. उनका आश्रम करोड़ों के साम्राज्य जैसा है. उनके अनुयायियों की संख्या काफी अधिक है. धीरे-धीरे उनके अनुयायियों की संख्या बढ़ने लगी और वो मजबूत होने लगे. उनके आश्रम में जड़ी-बूटियों से इलाज करने का दावा किया जाता है. आश्राम में करौली सरकार राधा रमण मिश्र और कामाख्या माता का मंदिर है. कानपुर और उसके आसपास के लोग संतोष सिंह भदौरिया को करौली बाबा के नाम से जानते हैं.
हालही में उन पर नोएडा के एक डॉक्टर के साथ मारपीट और वसूली का आरोप लगा था. दो दिन पहले वह अपनी फीस बढ़ाए जाने को लेकर भी सुर्खियों में थे. बताया जाता है कि उन्होंने अब हवन की फीस डेढ़ लाख से बढ़ाकर ढाई लाख कर दी है.
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