एक समय था जब कानपुर को पूर्व का मैनेचेस्टर कहा जाता था. अब वह दिन दूर नहीं जब एक बार फिर कानपुर देश के पहले पायदान के इंडस्ट्रियल सिटी में शुमार होगा. जानें क्या है कवायद
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श्याम तिवारी/कानपुर : विकास प्राधिकरण ने स्थानीय स्तर पर इन्वेस्टर मीट का आयोजन किया. इसमें 5000 करोड़ से ज्यादा के एमओयू साइन किए गए. हॉस्पिटैलिटी, होटल, हॉस्पिटल समेत रेजिडेंशियल योजनाओं से जुड़े इन्वेस्टर्स ने केडीए और यूपी सरकार की योजनाओं की तरीफ की. केडीए ने निवेशकों की सभी अड़चनों को दूर करने का दावा किया है. कानपुर विकास प्राधिकरण दरअसल न्यू कानपुर सिटी और चकेरी बिजनेस सिटी योजना के अंतर्गत बड़े-बड़े निवेशकों को कानपुर में निवेश करने का आमंत्रण दे रहा है. कानपुर विकास प्राधिकरण के वीसी अरविंद सिंह के मुताबिक सिंगल विंडो सिस्टम के तहत किसी भी निवेशक को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी. अरविंद सिंह ने बताया कि कानपुर के बड़े उद्योगपतियों ने शहर का प्रदेश में और देश में बड़ा नाम कमाया है. ऐसे में यहां के उद्योगपति बाहर जाने को क्यों मजबूर हैं. इस पर मंथन किया गया और उसके बाद एक ऐसे परिवेश को बनाने पर जोर दिया गया जिससे कानपुर के बड़े उद्यमी यहीं पर उद्यम लगाकर रोजगार के अवसर सर्जन करें और कानपुर को विकास के पथ पर अग्रसर करें.
सर्विस सेक्टर पर भी जोर
यहां आए हुए उद्योगपति डेवलपर्स ऑपरेटर आर्किटेक्ट सभी ने एक सुर में बोला कि कानपुर विकास प्राधिकरण की यह योजना काफी ज्यादा सराहनीय है और इसमें प्राधिकरण काफी ज्यादा गंभीर भी दिख रहा है. कानपुर विकास प्राधिकरण ने जो एमओयू किए हैं उनमें सबसे बड़ा करार जेके ग्रुप के साथ हुआ है. यह 18 सौ करोड़ से ज्यादा का बताया जा रहा है. जेके ग्रुप शहर के बीचो-बीच हॉस्पिटल होटल बनाने को कानपुर विकास प्राधिकरण के साथ तैयार हो गया है.
बड़े शहरों का दौरा करेंगे अधिकारी
उद्योगपतियों से मिले समर्थन से विकास प्राधिकरण के अधिकारी काफी खुश हैं. उनकी बांछें खिली हुई हैं. स्थानीय स्तर पर की गई इस पहल की बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिलने पर विकास प्राधिकरण के अधिकारी गदगद हैं. आने वाले दिनों में विकास प्राधिकरण के अधिकारी मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली जैसे शहरों में जाकर पेशेवरआना अंदाज में उन निवेशकों को कैसे कानपुर में बुलाया जाए और उन्हें निवेश के लिए उपयुक्त माहौल प्रदान किया जाए. इसकी बारीकियां भी सीखने जा रहे हैं. यानी कानपुर विकास प्राधिकरण निवेशकों के दर्द को समझ कर उसे दूर करने की दवा भी लेकर तैयार है.
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