Kanpur Violence: कानपुर की नई सड़क पर 3 जून को भड़की हिंसा केस में एसआईटी ने बड़ा एक्शन लिया है. एसआईटी ने बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा को गिरफ्तार कर लिया है. सूत्रों के हवाले से खबर मिली थी कि मुख्तार बाबा ने कानपुर हिंसा के लिए फंडिंग की थी. हिंसा का मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी फंड के लिए मुख्तार बाबा के ही पास आता था. आपको बता दें कि मुख्तार पर कई क्रिमिनल केसेस भी दर्ज हैं. 


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कानपुर हिंसा के माास्टरमाइंड हाशमी ने उगला था नाम
इतना ही नहीं, स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की रडार पर कई और संदिग्ध भी हैं, जिनके धड़पकड़ की तैयारी चल रही है. मालूम हो, मास्टरमाइंड जफर हयात हाशमी से जब पूछताछ शुरू की गई थी तो उसने कई बड़े नामों का खुलासा किया था. उन्हीं नामों में से एक था बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा का नाम. बाकी जिन लोगों के नाम हाशमी ने उगले, उनकी हिस्सेदारी भी क्राउडफंडिंग में रही. 


जमीन पर अवैध कब्जे का भी आरोप
बताया जा रहा है कि बाबा बिरयानी पर आरोप है कि पत्थरबाजी के लिए बुलाए गए लोगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था वही करता था. इसी के साथ उन्हें फंड करने का काम भी मुख्तार का था. मुख्तार बाबा पर एक बड़ा आरोप यह है कि शत्रु संपत्ति और प्राचीन मंदिर के एक हिस्से पर उसने कब्जा किया. यह वही जमीन है, जिसपर उसने बिरयानी की दुकान खोली है. 


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3 जून की हिंसा के बाद कारोबार हो गया ठप
3 जून को हुई पत्थरबाजी में केवल लोग ही नहीं घायल हुए, बल्कि घायल हो गए कई कारोबार. लोगों की सुरक्षा और सुकून भी घायल हालत में ही दिख रही है. अब बेकनगंज इलाके की पहचान नकारात्मक बन गई है और आम जनता यहां से दूरी बनाकर रखना चाहती है. ऐसे में न यहां कोई खरीदारी करने आ रहा है और न ही कारोबार में चल रहे हैं.


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