Kaushambi News: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद कौशांबी की जिला पंचायत अध्यक्ष कल्पना सोनकर की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है. सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए नोटिस डीएम को सौंपा है. हस्ताक्षर मिलान के लिए सदस्यों को 24 अगस्त की तारीख दिया गया है. वहीं, इस कार्रवाई के पहले ही सदस्य के घर पर अवैध अतिक्रमण होने का नोटिस चिपका दिया गया. सदस्य के पति का आरोप है कि या पहली दफा नहीं है, जब इस तरह की कार्रवाई के लिए नोटिस दिया गया है. इसके पहले भी जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के समय उनके घर पर नोटिस चिपकाया गया था.


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कौशांबी जिले में 4 जुलाई 2021 को जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव हुआ था. इस चुनाव में बीजेपी की तरफ से अध्यक्ष पद की प्रत्याशी कल्पना सोनकर और सपा से विजमा दिवाकर ने चुनाव लड़ा. जहां भाजपा को 14 और सपा को 12 वोट मिले. इस प्रकार भाजपा प्रत्याशी कल्पना सोनकर सपा की विजमा देवी को दो मतों से हराकर जिला पंचायत की मुखिया बनी थी. जैसे ही जिला पंचायत अध्यक्ष के एक वर्ष का कार्यकाल पूरा हुआ वैसे ही अविश्वास प्रस्ताव लाने की कवायद शुरू होगी और विजमा दिवाकर ने सपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर और हलचल मचा दिया था. 16 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले सदस्य नोटिस के साथ डीएम सुजीत कुमार से मिले. इस दौरान कल्पना सोनकर ने नोटिस में सदस्यों के हस्ताक्षर फर्जी होने की आपत्ति लगाई थी, जिस पर डीएम सुजीत कुमार ने सभी सदस्यों को 24 अगस्त को अपने प्रमाण पत्र के साथ मुख्य विकास अधिकारी के सामने प्रस्तुत होकर हस्ताक्षर मिलान करने के निर्देश दिए थे.


वहीं, अविश्वास प्रस्ताव के डर से प्रशासन हस्ताक्षर मिलान के एक दिन पहले ही सदस्य के ऊपर कार्रवाई करना शुरू कर दिया है. वार्ड नंबर 26 से जिला पंचायत सदस्य शायमा के घर पर भी एक नोटिस उनके पति जितेंद्र कुमार के नाम से प्रशासन द्वारा चस्पा किया गया है. या नोटिस कोई पहली बार अथवा उनके घर पर नहीं चस्पा किया गया है इसके पहले भी जब जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव था तब इस तरह की कार्रवाई की गई थी. एक बार फिर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी खतरे पर आते ही प्रशासन को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई याद आ गई. प्रशासन ने उनका घर सरकारी जमीन पर होने की बात कहकर नोटिस चस्पा की है और 3 दिन के अंदर अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए हैं.


जिला पंचायत सदस्य शायमा के पति जितेंद्र कुमार ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल किया है. इस वीडियो में उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब भाजपा के नेताओं की कुर्सी खतरे में आ जाती है तब प्रशासन को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई याद आ जाती है. अब उन्होंने इस पूरे मामले पर हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं. उनका आरोप है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के समय भी इसी प्रकार की एक नोटिस उनके घर पर चस्पा की गई थी. अब सवाल यह उठता है कि आखिर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी खतरे पर आते ही प्रशासन को क्यों अतिक्रमण हटाओ की कार्रवाई याद आने लगती है.