अली मुक्ता/कौशांबी: उत्तर प्रदेश के कौशांबी में गर्भवती महिला समेत तीन लोगों की हत्या के मामले में गठित त्रिसदस्यीय जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट डीएम को सौप दी है. जांच समिति के रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने तीन चकबंदी लेखपाल और एक चकबंदीकर्ता को निलंबित कर दिया है. कार्य में लापरवाही बरतने वाले सहायक चकबंदी अधिकारी के निलंबन की संस्तुति शासन को भेज दी है. इसके साथ ही डीएम ने पर्यवेक्षणीय दायित्वों में शिथिलता बरतने करने वाले चकबंदी अधिकारी पर विभागीय कार्रवाई के लिए चकबंदी आयुक्त को पत्र लिखा है. डीएम के इस कार्रवाई से राजस्व विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.


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संदीपन घाट थाना क्षेत्र का मामला 
जानकारी कि मुताबिक यह पूरा मामला संदीपन घाट थाना क्षेत्र का है. बीते 15 सितंबर को यहां के मोहिउद्दीनपुर गौस गांव में गर्भवती महिला समेत तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने आरोपियों के घर समेत कई दुकानों में आग लगा दी थी. मामले की जानकारी मिलते ही कमिश्नर प्रयागराज विजय विश्वास पंत मौके पर पहुंचे. मामले की जानकारी के बाद उन्होंने जिलाधिकारी सुजीत कुमार को कमेटी बनाकर जांच करवाने के निर्देश दिए थे. कमिश्नर प्रयागराज के निर्देश पर जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने एडीएम न्यायिक डॉ. विश्राम की अध्यक्षता में त्रिसदस्यीय कमेटी का गठन कर पूरे मामले में जांच के निर्देश दिए थे. घटना के 12 दिन बीत जाने के बाद जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है. 


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जांच में चकबंदी लेखपाल राजकिरण, शिलवन्त सिंह, शिवेश सिंह तथा चकबंदीकर्ता रामआसरे और सहायक चकबंदी अधिकारी अफजाल अहमद खां को लापरवाही एवं कर्तव्यों के प्रति उदासीनता बरतने का दोषी पाया गया. साथ ही पर्यवेक्षणीय दायित्वों में शिथिलता के लिए चकबंदी अधिकारी चायल (द्वितीय) को दोषी पाया. जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि कार्य में लापरवाही करने पर चकबंदी लेखपाल राजकिरण, शिलवन्त सिंह, शिवेश सिंह और चकबंदीकर्ता रामआसरे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. वहीं, मामले के विभिन्न स्तरों पर सहायक चकबंदी अधिकारी चायल अफजाल अहमद खां को लापरवाही और कर्तव्यों के प्रति उदासीनता बरतने के लिए निलंबन की संस्तुति की गई है. इसके साथ ही पर्यवेक्षणीय दायित्वों में शिथिलता के लिए चकबंदी अधिकारी चायल (द्वितीय) के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई हेतु चकबंदी आयुक्त को जांच आख्या के साथ पत्र लिखा गया है. 


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