हिमांगी सखी का कहना है कि मथुरा में ईदगाह मस्जिद भी पहले कृष्ण जन्मभूमि हुआ करती थी. कृष्ण जन्मभूमि पर पहले मस्जिद कहां था, यह बताएं. कृष्ण जन्मभूमि पर मस्जिद को वापस मंदिर में तब्दील कर दिया जाए.
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झांसी: ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण पर किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी का बड़ा बयान सामने आया है. हिमांगी सखी ने कहा कि जितने भी ऐतिहासिक मस्जिद हैं, वे पहले मंदिर थे. बाद में उन मंदिरों को मस्जिद में तब्दील कर दिया गया. चाहे ज्ञानवापी मस्जिद हो या अन्य पुराने मस्जिद, उनमें भी छानबीन करनी चाहिए. उन मस्जिदों के अंदर हिन्दू संस्कृति छिपी हुई है या छिपाई गई है. ज्ञानवापी मस्जिद के माध्यम से हमें यह समझ में आ रहा है.
क्या कहना है हिमांगी सखी का?
झांसी के निकट ओरछा में चल रहे राम महोत्सव में हिस्सा लेने आए महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग निकला है और उसे खंडित करने की कोशिश भी की गई है. सनातन धर्म सबको अपना मानता है. सनातन धर्म में पूजा पाठ अपने दायरे में रहकर करते हैं. मेरे मुसलमान भाई और बच्चे भी दायरे में रहकर खुदा की इबादत करें.
केंद्र सरकार से जांच कराने की मांग
उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद इस बात का उदाहरण है कि जितने भी पुराने मस्जिद होंगे, उसके अंदर कहीं न कहीं हमारी सनातन धर्म की संस्कृतियों को छिपाया गया है और उसे मस्जिद में तब्दील कर दिया गया है. यह पुरानी पीढ़ियों ने किया है, जिसे नई पीढ़ी भोग रही है. हिमांगी सखी ने आगे कहा कि केंद्र सरकार को यह कदम उठाना चाहिए कि जहां-जहां पुराने मस्जिद हैं, उसमें आर्कियोलॉजिस्ट को भेजें. उसमें चेक करें कि उस मस्जिद की नींव में कहीं हमारी सनातन संस्कृति छिपाई तो नहीं गई है. मंदिरों में छिपाने के लिए कुछ है ही नहीं. मंदिर तो सबके लिए खुले हैं.
उन्होंने कहा कि मथुरा में ईदगाह मस्जिद भी पहले कृष्ण जन्मभूमि हुआ करती थी. कृष्ण जन्मभूमि पर पहले मस्जिद कहां था, यह बताएं. कृष्ण जन्मभूमि पर मस्जिद को वापस मंदिर में तब्दील कर दिया जाए.
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