Kushinagar: थाई परिवार के सिर चढ़कर बोल रहा भोलेनाथ की भक्ति का जादू, कुशीनगर में किया रुद्राभिषेक
Kushinagar News: सावन (Sawan 2022) का महीना चल रहा है. भक्त भगवान शिव (Lord Shiva) की भक्ति में डूबे नजर आ रहे हैं. इसी बीच उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से एक खूबसूरत नजारा देखने को मिला है. यहां एक मंदिर में एक थाई परिवार (Thai Family Worshiped Lord Shiva) भोलेबाबा की भक्ति में सराबोर नजर आया. थाई परिवार ने इस दौरान भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की. रुद्राभिषेक किया और भोले बाबा से आशीर्वाद मांगा. बता दें कि सावन में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है. माना जाता है कि रुद्राभिषेक करने से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है.
प्रमोद कुमार गोंड/कुशीनगर: सावन (Sawan 2022) में भगवान शिव की भक्ति (Lord Shiva) के रंग तो आपने खूब देखे होंगे. मगर कुशीनगर (Kushinagar) में कुछ ऐसी अनोखी शिवभक्ति देखने को मिली जिसे जानकर हर कोई हैरान रह गया. दरअसल, बौद्ध धर्म में आस्था रखने वाले थाईलैंड के एक परिवार ने कुशीनगर के रामनगर मंदिर (Ram Nagar Mandir, Kushinagar) में रूद्राभिषेक किया. सावन के पवित्र महीने में विश्वशांति की कामना के साथ विधिवत पूजन अर्चन किया. इसकी चर्चा पूरे जिले में हो रही है क्योंकि अमूमन कुशीनगर की पहचान यहां के बौद्ध मंदिरों और बौद्ध धर्मावलम्बियों की वजह से होती है. ऐसे में सावन के पवित्र माह में थाई नागरिकों का ये शिवप्रेम सबको हैरान कर रहा है.
2019 में पहली बार कुशीनगर आया था परिवार
रुद्राभिषेक कराने वाले पुजारी के मुताबिक, साल 2019 के फरवरी महीने में थाई परिवार कुशीनगर आया था. मंदिरों के दर्शन के क्रम में ये परिवार रामनगर के प्राचीन शिवमंदिर पहुंचा. जहां उन्होंने पुजारी से भगवान शिव के दर्शनीय स्थलों और उनके विषय में जानकारी मांगी. पुजारी ने द्वादश ज्योतिर्लिंगों के विषय में उन्हें विस्तार से बताया. इस पर परिवार काफी प्रभावित हुआ. जिसके बाद थाई महिलाओं ने भगवान शिव से सम्बंधित कई स्थानों का दौरा किया और इस बार कुशीनगर पहुंचे. यहां रामनगर के प्राचीन शिव मंदिर में पुजारी के साथ विधिवत रुद्राभिषेक किया.
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शिव में है गहरी आस्था
थाईलैंड की शिवभक्त महिला फोनकरण फुनफाओ, उनकी बहन एर्री वीराथेस और बेटे बनपोट यम्मनीचाई ने कुशीनगर में रुद्राभिषेक करने के बाद भगवान शिव के प्रति अपनी गहरी आस्था के विषय में बताया. उनके मुताबिक विषपान करने वाले भगवान नीलकंठ विश्वशांति के सबसे बड़े प्रतीक हैं. उनका पूरा जीवन अब शिवमय हो गया है. थाई शिवभक्तों ने अगले कुछ वर्षों में सभी द्वादश ज्योर्तिलिंगों के दर्शन पूजन की योजना बनाई है.
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