Lakhimpur Kheri News: लखीमपुर निघासन में दलित बहनों के रेप-मर्डर केस में आरोपियों को उम्रकैद की सजा
Lakhimpur Nighasan Case: लखीमपुर खीरी के निघासन में हुए दो दलित बहनों के रेप और मर्डर केस में आखिरकार फैसला आ गया है. कोर्ट ने चारों आरोपियों के खिलाफ सजा तय कर दी है.
लखीमपुर खीरी: निघासन रेप मर्डर मामले में जज राहुल सिंह ने सोमवार को फैसला सुना दिया है. दो सगी दलित बहनों के साथ रेप और हत्या मामले में दोषी करार दिए गए चार युवकों को अदालत ने सजा सुना दी है. जुनैद और सुनील को आजीवन कारावास की सजा के साथ 15-15 हजार जुर्माना लगाया गया है. वहीं आरिफ और करीमुद्दीन को 6 साल की सजा और 5-5 हजार का जुर्माना और पीड़िता को 50,000 मुआवजा देने का आदेश दिया गया है.
कोर्ट ने जुनैद और सुनील उर्फ छोटू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 15-15 हजार रुपये का जुर्माना ठोका है. इसके अलावा करीमुद्दीन और आरिफ को 6-6 साल की सजा और 5-5 हजार रुपए आर्थिक दंड की सुनाया गया है. 14 सितंबर, 2022 को निघासन थाना क्षेत्र में दो बहनों का अपहरण कर लिया गया था. गैंगरेप के बाद उनके शव पेड़ पर लटका दिए गए थे. आक्रोशित परिजनों ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया था. यह मामला लखीमपुर खीरी से लखनऊ तक सियासी रूप से काफी अहम बन गया था.
अभियुक्त
1. जुनेद पुत्र इसराइल चुन्ना उर्फ अजीजुर्रहमान नि० लालपुर थाना निघासन जनपद खीरी.
2. छोटू उर्फ सुनील पुत्र चेतराम गौतम चुन्ना उर्फ अजीजुर्रहमान लालपुर नि० तमुलिनपुरवा थाना निघासन जनपद खीरी.
3. करीमुद्दीन उर्फ डीडी पुत्र कलामुद्दीन नि लालपुर थाना निघासन जनपद खीरी.
4. आरिफ उर्फ छोटे अंसारी पुत्र मंझिले अंसारी नि0 लालपुर थाना निघासन जनपद खीरी.
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धाराएं जिसके अंतर्गत सजा हुई
अभियुक्तगणों पर 302/323/452/376DA/364/201/34 भादवि व 5g/6 पॉक्सो एक्ट भादवि धारा 201 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था. निघासन थाना क्षेत्र में अनुसूचित जाति की दो सगी बहनों से दुष्कर्म और हत्या के मामले में एडीजे (पॉक्सो एक्ट) राहुल सिंह की कोर्ट ने 10 महीने 27 दिन तक चली सुनवाई के बाद छोटू उर्फ सुनील, जुनैद, आरिफ और करीमुद्दीन को दोषी पाया. इस प्रक्रिया के दौरान परिजन समेत 15 लोगों की गवाही हुई, 24 दस्तावेजी साक्ष्य सौंपे गए, साथ ही 40 वस्तु जनित सबूत सौंपे गए. दोनों बहनों की पीएम रिपोर्ट, उम्र प्रमाणपत्र, कपड़ों को बतौर सबूत शामिल किया गया. अदालत ने 126 पेज में दोषियों के गुनाह तय किए हैं. पिछले 11 अगस्त को अदालत ने चारों अभियुक्तों को दोषसिद्ध करार दिया था.
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