Lohri 2023: लोगों के बीच में इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति है कि इस साल लोहड़ी 13 जनवरी को है या फिर 14 जनवरी को..आपको इस रिपोर्ट में लोहड़ी से जुड़ी कुछ खास बातें बताते हैं...
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Lohri 2023 Shubh Muhurt: परंपराओं का लोकपर्व लोहड़ी मकर संक्रांति से ठीक एक दिन पहले पूरे भारत खासकर उत्तर भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जता है. इस दिन सभी लोग अपने दोस्तों और परिवार से साथ मिलकर खुशियां मनाते हैं. मान्यता है कि इस दिन अग्नि जलाकर पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. पारंपरिक तौर पर लोहड़ी फसल की बुआई और उसकी कटाई से जुड़ा हुए ये विशेष त्योहार है. ऐसे में हम आपको यहां बता रहे हैं लोहड़ी के शुभ मुहूर्त और तारीख के बारे में..
लोहड़ी 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, सूर्य देव 14 जनवरी को रात्रि 8 बजकर 21 मिनट पर मकर राशि में गोचर करने वाले हैं इसलिए इस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी. वहीं लोहड़ी का पर्व इस साल 14 जनवरी, शनिवार को मनाया जाएगा. लोहड़ी का शुभ मुहूर्त रात 8 बजकर 57 मिनट पर है. इस मुहूर्त में यदि आप अग्नि प्रज्ज्वलित करते हैं और उसके चारों ओर फेरे लेते हैं तो आपके लिए शुभ होगा. लोहड़ी मुख्य रूप से नई फसल के तैयार होने पर मनाया जाता है.
लोहड़ी बिना दुल्ला भट्टी की कहानी सुने अधूरी
लोहड़ी का जश्न लोग अपने परिवार, रिश्तेदारों, करीबियों और पड़ोसियों के साथ मिलकर मनाते हैं. रात के समय खुले आसमान के नीचे आग जलाई जाती है. गजक, रेवड़ी, मक्का, मूंगफली चढ़ाते हैं. फिर उसका प्रसाद बांटते हैं. ढोल नगाड़ों पर भांगड़ा और गिद्धा करते हैं.इस दिन लोग ढोल-नगाड़ों के साथ आग के चारों तरफ परिक्रमा लगाते हुए दुल्ला भट्टी की कहानी बोलते हैं. रेवड़ी, मूंगफली, गजक को अग्नि में समर्पित करते हैं. पारंपरिक गीत गाते हुए लोग आग के चक्कर लगाते हैं. इसके साथ ही इस दिन आग के पास घेरा बनाकर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनी जाती है. लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनने का खास महत्व होता है.
लोहड़ी का बड़ा महत्व
धार्मिक दृष्टि से लोहड़ी का बड़ा महत्व है. इस दिन शुभ मुहूर्त और सही पूजा विधि से जीवन में सुख-समृद्धि व सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं. लोहड़ी के दिन आग में तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी और मूंगफली चढ़ाते हैं. जिन लोगों के घर में बेटे की शादी के बाद नई बहू आई होती या जहां बच्चों को जन्म हुआ होता है. उन घरों में लोहड़ी को काफी धूमधाम से मनाया जाता है. नवजात बच्चा या घर की नई बहू के लिए लोहड़ी का पर्व खास होता है.
फसल बुआई-कटाई का है पावन त्योहार
लोहड़ी की रात को साल की सबसे लंबी रात माना जाता है. इस त्योहार से कई आस्थाएं भी जुड़ी हुई हैं. लोहड़ी फसल की बुआई और उसकी कटाई से जुड़ा हुआ है. माना जाता है कि लोहड़ी पर अग्नि पूजन से दुर्भाग्य दूर होते हैं.
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