अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी (Narendra Giri Death) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है. एडीजी ने जानकारी दी है कि उनके कमरे से एक 8 पन्नों का सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें जमीन विवाद, शिष्य के साथ विवाद जैसी कई बातें लिखी हैं.
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नई दिल्ली: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी (Narendra Giri Death) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है. नरेंद्र गिरी का शव पंखे पर फंदे से लटकता हुआ मिला है. एडीजी ने जानकारी दी है कि उनके कमरे से एक 8 पन्नों का सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें जमीन विवाद, शिष्य के साथ विवाद जैसी कई बातें लिखी हैं.
महंत नरेंद्र गिरी की मौत को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं. कई लोग इसे षडयंत्र के तहत हत्या की बात कह रहे हैं. फिलहाल मौत की वजह अभी साफ नहीं हैं. मौके पर पुलिस और फॉरेंसिक टीम जांच में जुटी हुई हैं. अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की मौत को लोग पूर्व में उनके और शिष्य आनंद गिरी से हुए विवाद से भी जोड़कर देख रहे हैं.
क्या था गुरु-शिष्य के बीच विवाद?
दरअसल, महंत नरेंद्र गिरी का महंत आनंद गिरी पर परिवार से संबंध रखने और मठ और मंदिर के धन के दुरुपयोग को लेकर विवाद हो गया था. जिसके बाद आनंद गिरी पर कार्रवाई हुई थी. अखाड़े, मठ और मंदिर से निष्कासित किए जाने के बाद लगातार आनंद गिरी अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरी के खिलाफ बयान दे रहे थे. आनंद गिरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर गुरु और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी पर अरबों रुपये की जमीनें बेचने सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे. साथ ही कहा था कि गुरुजी के आचरण और महंगे शौक के चलते ही मठ और अखाड़ा बर्बादी की ओर अग्रसर हो गया है.
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हालांकि, गुरु पूर्णिमा के दिन आनंद गिरी ने अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरी के पैर पकड़कर माफी मांगकर विवाद खत्म कर किया था. जिसके बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने आनंद गिरी को माफ करके मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे दी थी. लेकिन आनंद गिरी को उनका पुराना अधिकार नहीं मिला था. उनके केवल मठ बाघम्बरी गद्दी और बड़े हनुमान मंदिर में आने पर लगाई पाबंदी हटायी गयी थी.
आनंद गिरी ने बताया साजिश
हालांकि, महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद उनके शिष्य आनंद गिरी ने दावा किया है कि उनके गुरु नरेंद्र गिरी की मौत सामान्य नहीं है. उनके खिलाफ बड़ी साजिश हुई है. आनंद गिरी ने कहा कि हमें इसलिए अलग किया गया ताकि एक का काम तमाम हो सके. वहीं अपने गुरु से विवादों पर आनंद गिरी ने कहा कि मेरा उनसे नहीं बल्कि मठ की जमीन को लेकर विवाद था. शक के दायरे में कई लोग हैं, उन लोगों ने ही नरेंद्र गिरी को मेरे खिलाफ किया. बता दें कि आनंद गिरी फिलहाल हरिद्वार में है.
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