Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि में पंचशूल पूजा के बाद निकलती है भव्य शिव बारात, बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर में उमड़ेगा श्रद्धालुओं का सैलाब
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1575733

Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि में पंचशूल पूजा के बाद निकलती है भव्य शिव बारात, बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर में उमड़ेगा श्रद्धालुओं का सैलाब

झारखंड के देवघर में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व होता है. 18 फरवरी को महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. इसके देखने हुए प्रशासने ने तैयारियां कर रखी है.

Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि में पंचशूल पूजा के बाद निकलती है भव्य शिव बारात, बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर में उमड़ेगा श्रद्धालुओं का सैलाब

देवघर: झारखंड के देवघर में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व होता है. 18 फरवरी को महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. इसके देखने हुए प्रशासने ने तैयारियां कर रखी है. बाबा बैद्यनाथ की नगरी में शिवरात्रि के दिन शाम को भव्य शिव बारात निकाली जाती है, इसे देखने के लिए यहां देश-विदेश से शिव भक्तों का हुजूम जुटता है. यहां शिवरात्रि मनाने का तरीका भी सबसे अनोखा होता है. आपको बताते हैं और क्या खास होता है शिव बारात में. 

देवघर में ऐसे मनाई जाती है शिवरात्रि
द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर में शिवरात्रि का विशेष महत्तव होता है. शिवरात्रि के दिन यहां देवघर बाबा मंदिर में अलग ही माहौल देखने को मिलता है. शिवरात्रि पर सदियों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन देवघर में किया जाता है, और इसी के मुताबिक यहां शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. आपको बता दें, वैसे तो देश के सभी शिवालयों में त्रिशूल होते हैं, लेकिन देवघर बाबा मंदिर में पंचशूल होता है. यहां पंचशूल का खासा महत्तव होता है. मान्यता के मुताबिक यहां शिवरात्रि से 2 दिन पहले पंचशूल को उतार लिया जाता है. इसके बाद विधिवत चारों पहर पंचशूल की पूजा की जाती है. शिवरात्रि के ठीक 1 दिन पहले पंचशूल को मंदिरों के शिखर में स्थापित किया जाता है. 

धूमधाम ने निकाली जाती है शिव बारात
महाशिवरात्रि के दिन यहां विश्व प्रसिद्ध शिव बारात का भी आयोजन भी भव्य तरीके से किया जाता है. दुनिया भर से यहां श्रद्धालु शिव बारात को देखने आते हैं. शिव बारात बहुत लंबी और बहुत आकर्षक होती है. जिला प्रशासन और बारात समिति के सदस्य 1 महीने पहले से ही शिव बारात की तैयारी में लगे हुए हैं. शिव बारात का आयोजन काफी बड़े स्तर पर किया जाता है. लोखों शिव भक्त धूमधाम से गाजे-बाजे के साथ नाचते-गाते हुए शिव बारात निकालते हैं.

WATCH: महाशिव रात्रि के दिन व्रती भूलकर भी न पहने ऐसे रंग के कपड़े, भगवान शिव हो जाते हैं रुष्ट

 

Trending news