UP Election 2022: देवेंद्र मिश्रा पेशे से अधिवक्ता हैं. वह इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं. देवेंद्र मिश्रा नगरहा की पहचान वकीलों के बड़े नेता के तौर पर भी है.
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मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: सूबे के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी (Nand Gopal Gupta Nandi) के खिलाफ बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court)के अधिवक्ता एवं बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के पूर्व कार्यकारी चेयरमैन देवेंद्र मिश्रा नगरहा को प्रत्याशी बनाया है. देवेंद्र मिश्रा पेशे से अधिवक्ता हैं. वह इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं. देवेंद्र मिश्रा नगरहा की पहचान वकीलों के बड़े नेता के तौर पर भी है. वह बार काउंसिल ऑफ यूपी के पूर्व सदस्य रहने के अलावा पूर्व कार्यकारी चेयरमैन भी रहें हैं. अधिवक्ता समाज में उनकी की मजबूत पैठ मानी जाती है. देवेंद्र मिश्र नगरहा के बसपा प्रत्याशी बनने के बाद शहर दक्षिणी विधानसभा में रोमांचक मुकाबला देखने को मिल सकता है.
नंद गोपाल गुप्ता नंदी को कड़ी टक्कर दे सकते हैं देवेंद्र मिश्र
शहर दक्षिणी विधानसभा से 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने समाजवादी पार्टी के परवेज अहमद टंकी को भारी अंतर से हराया था. इस बार बसपा के प्रत्याशी के तौर पर देवेंद्र मिश्र नगरहा के मैदान में होने से शहर दक्षिणी विधानसभा में चुनाव बेहद दिलचस्प होने के कयास लगाए जा रहे हैं. वजह साफ है कि शहर दक्षिणी में करीब 10 हजार के लगभग अधिवक्ता समाज रहता है. ऐसे में ब्राह्मण तबके से होने के चलते देवेंद्र मिश्र नगरहा को एक बड़े वर्ग का समर्थन भी मिल सकता है. हालांकि सूबे के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी की पहचान इलाके में जमीनी नेता के तौर पर मानी जाती है.
नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में शहर दक्षिणी विधानसभा से बसपा के टिकट पर बीजेपी के तत्कालीन कद्दावर नेता केसरीनाथ त्रिपाठी को हराकर पहली बार विधायक बने थे, जिसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने नंद गोपाल गुप्ता नंदी को अपनी कैबिनेट में मंत्री बनाया था. हालांकि 2012 के विधानसभा चुनाव में नंद गोपाल गुप्ता नंदी को समाजवादी पार्टी के परवेज अहमद टंकी से नजदीकी मुकाबले में हार मिली थी. 2017 के चुनाव में नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने सपा के परवेज अहमद टंकी को भारी अंतर से हराकर एक बार फिर से शहर दक्षिणी विधानसभा में अपना परचम लहराया, जिसके बाद योगी सरकार ने नंद गोपाल गुप्ता नंदी को कैबिनेट मंत्री बनाया.
ऐसे हो सकता है दिलचस्प मुकाबला
शहर की मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी नंद गोपाल गुप्ता नंदी की पत्नी है. पत्नि के मेयर होने से शहरी वोटरों में नन्दी की पकड़ बेहद मजबूत मानी जाती है. वैश्य तबके से होने के चलते भी नंद गोपाल गुप्ता नंदी को शहर दक्षिणी विधानसभा में भारी समर्थन मिलता है. ऐसे में देवेंद्र मिश्र नगरहा के बसपा प्रत्याशी बनने के बाद शहर दक्षिणी में मुकाबला दिलचस्प होता दिखाई दे रहा है. क्योंकि शहर दक्षिणी विधानसभा में ब्राह्मण मतदाताओं के साथ-साथ वैश्य मतदाता और मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में है. ऐसे में बीजेपी से नंद गोपाल गुप्ता नंदी के ही दुबारा बीजेपी से आने की सम्भावना है. बसपा से देवेंद्र मिश्रा के प्रत्याशी बनने के बाद समाजवादी पार्टी अगर किसी अल्पसंख्यक को अपना उम्मीदवार बनाती है तो यहां पर मुकाबला बेहद दिलचस्प हो सकता है.
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