Politics News: मिशन 2024 को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष चुनाव की तैयारियों में जुटा है. इसी बीच बसपा ने विपक्षी दलों के सामने ऐसी शर्त रख दी है. जिसने सियासी गलियारे में हलचल मचा दी है.
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लखनऊ: आगामी 2024 लोकसभा चुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज़ होने लगी हैं. एक तरफ जहां मुख्य सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी दोबारा बड़ी जीत के दावे कर रही है. वहीं विपक्षी पार्टियों ने भी इस चुनाव में एकजुट होकर लड़ने को तैयारियां शुरू कर दी हैं. ऐसे में बसपा की तरफ से एक ऐसा प्रस्ताव आया है, जिसने देश की राजनीति में हलचल मचा दी है.
बसपा प्रवक्ता धर्मवीर चौधरी ने कहा है कि अगर बहन मायावती को विपक्ष द्वारा प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाया जाता है तो बीएसपी विपक्षी के तीसरे मोर्चे में जाने और विपक्ष का चेहरा बन एकजुट होकर चुनाव लड़ सकती है. उनका कहना हैं कि ये विपक्ष सयुंक्त गठबंधन के लिए एक मौका है कि बहन मायावती को प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित करे. और फिर देखे कि हम इन फिरकापरस्त ताकतों को कितनी आसानी से हरा पाएंगे.
आगामी लोकसभा चुनाव में सपा बसपा एक साथ आकर चुनाव लड़ सकती हैं. बीएसपी प्रवक्ता का कहना है कि वो इसके लिए तैयार हैं. उनका कहना है कि बसपा प्रमुख मायावती ने पहले भी समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया था क्योंकि बाबा साहब के साथ लोहिया जी का भी एक सपना था कि दलित-पिछड़े वंचित सभी लोग एकजुट हों. समय-समय पर देश हित और लोक हित में मायावती फैसला लेती हैं.
उन्होंने कहा, अगर अखिलेश यादव , मायावती को अच्छे और सच्चे मन से नेता और गठबंधन मानें तो हम उनका साथ लेने के लिए और देने के लिए तैयार हैं. उनका कहना है कि देश के प्रधानमंत्री पद का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है और बसपा प्रमुख मायावती इस देश में बड़ी नेता हैं. उनका अनुभव भी बड़ा है और वो चार बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं और कैडर भी हमेशा उनके साथ है.
उनका कहना है कि देश में तीन ही प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियां हैं, बीजेपी,कांग्रेस और बसपा. कहा कि विपक्षी के अन्य बड़े नेताओं और पार्टियों के पास वो अनुभव नहीं है. दलित पिछड़े वर्ग के लोग चाहते हैं कि विपक्ष के नेतृत्व के लिये मायावती उपयुक्त हैं. 2024 के चुनाव में सभी विपक्षी दल बीएसपी के नीले झंडे के साथ आयें तो हम इनको हरा देंगे.