Dhirendra Krishna Shastri: आपने एकतरफा प्यार के कई किस्से सुने होंगे, लेकिन बाबा बागेश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री धाम पर एक लड़की का दिल कुछ इस कदर आ गया है कि वह उन्हें प्राणनाथ मान बैठी है. उन्हें पति बनाने के लिए MBBS छात्रा शिवरंजनी तिवारी कलश यात्रा निकाल रही है.
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राजेंद्र तिवारी/महोबा: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Baba Bageshwar Dhirendra Krishna Shastri) के दीवानों और प्रशंसक लाखों में हैं. लेकिन एक लड़की जैसी दीवानगी शायद ही किसी ने दिखाई हो. एमपी के शिवनी की रहने वाली शिवरंजनी तिवारी पंडित धीरेंद्र शास्त्री को प्राणनाथ मान चुकी हैं. उनसे शादी करने की चाहत में एमबीबीएस की छात्रा और कथावाचक शिवरंजनी तिवारी गंगोत्री से सर पर गंगाजल का कलश लेकर पैदल ही बागेश्वर धाम जा रही हैं.
तकरीबन 1150 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए इस भीषण गर्मी में शिवरंजनी अपने पिता और भाई के साथ बुंदेलखंड के महोबा पहुंची हैं. जगह-जगह भक्तों द्वारा उनका स्वागत किया जा रहा है. एक दिन अपने भक्त के घर में रुककर शिवरंजनी फिर से 46 डिग्री तापमान में पैदल ही मंजिल तक पहुंचने के लिए निकल पड़ती हैं.
शिवरंजनी की मंशा पंडित धीरेन्द्र शास्त्री से विवाह करने की है और वह खुद उन्हें अपना प्राणनाथ बताती है. सनातन धर्म में अपना मनचाहा वर पाने के लिए तपस्या का वर्णन भी धर्म शास्त्रों में मौजूद है ऐसे में इस कलयुग की भीषण गर्मी मेंशिवरंजनी तिवारी की लंबी यात्रा को किसी तपस्या से कम आंकना गलत होगा. 1 मई से शुरू हुई कलश यात्रा 16 जून को बागेश्वर धाम पहुंचेगी.महोबा पहुंचते ही शिवरंजनी तिवारी का जगह-जगह भक्तों द्वारा स्वागत किया जा रहा है
उत्तराखंड के गंगोत्री से आरंभ हुई है यह यात्रा कई किलोमीटर का परेशानियों भरा सफर तय कर शिवरंजनी बुंदेलखंड के महोबा में हैं. जहां से वह अब बागेश्वर धाम के लिए पैदल प्रस्थान कर रही है. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का नाम आते ही उनके चेहरे पर मासूम सी लालसा और मुस्कान दिखाई पड़ती है.
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एमबीबीएस की छात्रा पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से इस कदर लगाव रखती है कि पैदल ही उनसे मिलने के लिए चल पड़ी है. उन्होंने संदेश दिया कि सभी लोग बालाजी सरकार बागेश्वर धाम से जुड़े.एक शेर के माध्यम से उन्होंने कहा कि जब तक बिका ना था तो कोई पूछता न था.. आपने खरीद कर मुझे अनमोल कर दिया" क्योंकि आज के 10 दिन पूर्व शिवरंजनी को कोई नहीं जानता था लेकिन जब से बालाजी सरकार बागेश्वर धाम के चरणों से जुड़ी हूं तो आज मुझे घर-घर पहचान मिली है. अब शिवरंजनी तिवारी के इस अपनत्व पर बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री क्या प्रतिक्रिया देते हैं, यह देखना होगा.
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