लखनऊ में कॉपरेटिव बैंक से 146 करोड़ों की रकम को साइबर हैकिंग द्वारा ट्रान्सफर करने वाले 2 व्यक्तियों को साइबर क्राइम पुलिस ने किया गिरफ्तार किया है.
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आदित्य मोहन/लखनऊ: लखनऊ में कुछ दिन पहले 146 करोड़ रुपए के साइबर क्राइम से सनसनी फैल गई थी.दरअसल लखनऊ कोऑपरेटिव बैंक से आईसीआईसीआई और एचडीएफसी के विभिन्न खातों में आरटीजीएस के माध्यम से 146 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर लिए गए थे. इससे पुलिस और संबंधित बैंकों के बड़े बड़े अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया. इस मामले में लखनऊ साइबर क्राइम पुलिस तत्काल हरकत में आई. मामले के खुलासे के लिए पुलिस की विशेष टीम गठित की गई. वारदात से जुड़े सबूत जुटाए गए, जिसके आधार पर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पूरा मामला यूपी कोऑपरेटिव बैंक का है.
सेवानिवृत्त कर्मचारी ने रची साजिश
गिरफ्तार आरोपियों में एक बैंक का सेवानिवृत्त अफसर आरएस दुबे है जो कि लखनऊ के इंद्रानगर का रहने वाला है. जबकि दूसरा सुखसागर सिंह चौहान गोमतीनगर निवासी है. बताया जा रहा है कि आर एस दुबे पूर्व बैंक का अधकारी है. उसने बताया कि बैंक से कई दूसरे खातों में साइबर द्वारा एक बड़ी धनराशि ट्रांसफर करने की योजना बनाई और उसे करने के लिए अपने बैंक की रेकी की थी वह और भी कई लोग बैंक में शामिल किए गए थे.
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बैंक की खुफिया जानकारी जुटाई
बैंक के पूर्व कर्मचारी आरएस दुबे ने पुलिस को बताया कि उसने सबसे पहले साइबर हैकरो के जरिए बैंक के कंप्यूटरों की खुफिया जानकारी जुटाई. इसके बाद बैंक का गोपनीय डाटा आईडी पासवर्ड चोरी करके बैंक से विभिन्न खातों में 146 करो पर ट्रांजैक्शन कर दिया. हालांकि साइबर अधिकारियों का कहना है हमने 146 करोड़ रुपया बैंक में जाने नहीं दिया है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस मामले में जल्द ही और लोगो की गिरफ्तारी होगी.