मऊ के दक्षिण टोला थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में मुख्तार अंसारी 25 अक्टूबर 2005 से जेल में बंद चल रहा है. इस मामले में मुख्तार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल कर रिहाई की मांग की है.
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मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: यूपी के बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को सुनवाई की. कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से 6 हफ्ते में जवाब मांगा है. मऊ के दक्षिण टोला थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में मुख्तार अंसारी 25 अक्टूबर 2005 से जेल में बंद चल रहा है. इस मामले में मुख्तार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल कर रिहाई की मांग की है.
याची अधिवक्ता का तर्क है कि वह लंबे समय से अलग-अलग जेलों में बंद है. जिस पर कोर्ट में पेश सरकारी अधिवक्ता ने कहा कि मुख्तार अंसारी को 13 अप्रैल 2021 को बी वारंट तामील किया गया है. हत्या, डकैती, अपहरण जैसे कई जघन्य अपराधों मे वह शामिल रहा है. ऐसे में उसके जमानत पर रिहा होने पर अपराध में दोबारा शामिल होने की प्रबल संभावना है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा करना न्यायोचित नहीं होगा.
वहीं, कोर्ट ने पूरे मामले में सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. माफिया मुख्तार अंसारी की तरफ से अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने कोर्ट में पक्ष रखा. जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की एकल पीठ ने मुख्तार की अर्जी पर सुनवाई की.
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