Mulayam Singh Yadav birthday: सपा के जनक मुलायम का रहा है विवादों से गहरा नाता, पढ़ें उनसे जुड़े चार बड़े विवाद
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Mulayam Singh Yadav birthday: सपा के जनक मुलायम का रहा है विवादों से गहरा नाता, पढ़ें उनसे जुड़े चार बड़े विवाद

उत्तर प्रदेश में UP Assembly Elections 2022 का माहौल हैै. ऐसे में मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav birthday) का जन्मदिन भी आया है. मुलायम सिंह यादव के नाम के साथ अक्सर विवाद जुडे रहे हैं. यहां पढिए यूपी के सियासी गलियारों में मुलायम को क्यों विवादों का मुलायम कहा जाता है.

Mulayam Singh Yadav birthday: सपा के जनक मुलायम का रहा है विवादों से गहरा नाता, पढ़ें उनसे जुड़े चार बड़े विवाद

Mulayam Singh Birthday: मुलायम सिंह यादव  (Mulayam Singh Yadav) एक ऐसा नाम जो एक समय पर उत्तर प्रदेश की सियासत  (politics) की पहचान माना जाता था. साल 1939 में आज ही के दिन यानि 22 नवम्बर को इटावा जिले के छोटे से गांव सैफई (Saifai) में जन्मे मुलायम सिंह ने एक साधारण से परिवार से निकलकर पूरे यूपी की सियायत में अपना दम-खम दिखाया. यूपी में नेताजी के नाम से  पहचाने जाने वाले मुलायम की राजनैतिक यात्रा उनके कामों से ज्यादा विवादों के लिए जानी जाती है. वह तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, एक बार देश के रक्षामंत्री भी बने, पर हर बार उनके विवादित बोल और विवादित काम उनके इर्द गिर्द घूमते रहे. उनके कुछ ऐसे ही विवाद आज उनके जन्मदिन पर हम आपको बताने जा रहे हैं, जो यूपी ही नहीं बल्कि देश की सियासत में भी चर्चा में रहे.   

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कारसेवकों पर चलवा दी थी गोली

30 अक्टूबर 1990 को अयोध्या में कारसेवा के लिए हजारों रामभक्त जमा हुए थे. इस दौरान मुलायम सिंह यादव यूपी के मुख्यमंत्री थे. विहिप के इस कार्यक्रम से तिलमिलाए मुलायम सिंह यादव ने जबरदस्त सख्ती करवा दी. कारसेवकों ने जब राममंदिर की तरफ बढ़ना शुरू किया तो पुलिस ने पहले उन पर लाठीचार्ज किया और फिर बाद में मुलायम के आदेश के बाद फायर खोल दिया. इसमें कई कारसेवकों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे. बाद में 6 फरवरी 2014 को मैनपुरी जिले में आयोजित एक जनसभा में मुलायम सिंह यादव ने स्वीकारा था कि उनके ही आदेश पर 1990 में पुलिस ने अयोध्या में कार सेवकों पर गोली चलाई थी. रामभक्तों पर गोली चलवाने की घटना के बाद 1991 में हुए विधानसभा चुनावों में मुलायम सिंह बुरी तरह हारे और बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने में सफल हुई थी.

'लड़के हैं, गलती हो जाती है'
समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव तब विवादित बयान देकर निशाने पर आ गए जब मुरादाबाद में आयोजित एक रैली में मुलायम ने कहा कि बलात्‍कार (रेप) के मामलों में फांसी की सजा देना गलत है. लड़के हैं लड़कों से गलतियां तो हो जाती हैं. तत्कालीन सपा अध्यक्ष ने कहा  कि रेप के मामलों में फांसी नहीं होनी चाहिए. लड़कों से गलती हो जाती है और इसके लिए फांसी नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा था कि कभी-कभी फंसाने के लिए भी लड़कों पर आरोप लगा दिया जाता है. लड़कों से गलतियां हो जाती हैं. ऐसे कानूनों को बदलने की जरूरत है. मुलायम सिंह यादव का यह बयान उस वक्त देश की देशभर में चर्चा का विषय बन गया था.

डकैती और हत्या के भी आरोप
देश के पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह का मानना था कि मुलायम सिंह डकैती और हत्या जैसे अपराधों में भी शामिल थे. उन्होंने फूलन देवी सहित तमाम डकैतों को संरक्षण दिया. इतना ही नहीं, उन्होंने तो यहां तक दावा किया था कि वह डकैतों से हिस्सा भी लेते थे. इसके बाद एक अखबार में भी मुलायम सिंह यादव के बारे में खबर भी छपी थी, जिसमें उनके खिलाफ हत्या और डकैती के करीब 32 मामलों की डिटेल दी गई थी. इस खबर के चलते अगले लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह का सांसद का टिकट भी काट दिया गया था. 

वोट बैंक के लिए लड़कियों का होना जरूरी
मुलायम सिंह यादव पर वोट बैंक के लिए महिला कार्यकर्ताओं का गलत उपयोग करने का आरोप भी लगा था. काफी समय पहले उनका एक विवादित बयान सामने आया था, जिसमें वह कहते हुए दिख रहे थे कि पार्टी में ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को शामिल करो, इससे ज्यादा वोट मिलेंगे. यह प्रयोग हम पहले भी कर चुके हैं. उनके इस बयान की चर्चा भी अक्सर यूपी के सियासी गलियारों में होती रहती है.

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