बॉस डे की शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका से हुई थी. यह पेट्रीसिया बेज़ हारोस्की थी, जो इलिनोइस में स्टेट फार्म इंश्योरेंस कंपनी के सचिव के रूप में काम करती थी, जो चाहती थी कि उसके सहयोगी और अधीनस्थ अपने बॉस के लिए अभार व्यक्त करें.
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नई दिल्ली: बॉस दिवस (National Boss Day) हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता है. इस दिन व्यक्ति अपने वर्क लाइफ में अपने बॉस और सीनियर्स के योगदान के प्रति आभार और सम्मान व्यक्त करता है. ऐसा माना जाता है कि इस तरह के आयोजनों से कर्मचारियों को अपने संबंध सुधारने में मदद मिलेगी और कर्मचारियों को अपनी कंपनियों की बेहतरी के लिए काम करने के लिए ऊर्जा मिलेगी. आइए जानते हैं कि राष्ट्रीय बॉस दिवस का क्या है इतिहास...
क्या है बॉस दिवस का इतिहास?
बॉस डे की शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका से हुई थी. यह पेट्रीसिया बेज़ हारोस्की थी, जो इलिनोइस में स्टेट फार्म इंश्योरेंस कंपनी के सचिव के रूप में काम करती थी, जो चाहती थी कि उसके सहयोगी और अधीनस्थ अपने बॉस के लिए अभार व्यक्त करें. उन्होंने वर्ष 1958 में यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ राष्ट्रीय बॉस दिवस का आयोजन किया और 16 अक्टूबर की तारीख को बॉस दिवस के रूप में चुना. इस दिन पेट्रीसिया बेज़ हारोस्की के पिता का जन्मदिन था. वह अपने पिता को अपना बॉस भी मानती थीं.
1962 में मिली मान्यता
हारोस्की ने महसूस किया कि उनके पिता और सभी बॉस उनके कर्मचारियों को प्रदान किए जाने वाले नेतृत्व क्षमता और परामर्श के लिए प्रशंसा के पात्र हैं. वह चाहती थीं कि कर्मचारी अपने वरिष्ठों की सराहना करें और उम्मीद है कि इस तरह के समारोहों से प्रबंधकों और कर्मचारियों के बीच संबंधों और सौहार्द को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी. इलिनोइस के गवर्नर ओटो कर्नर ने 1962 में हारोस्की के पंजीकरण को मंजूरी दी और इस तरह 16 अक्टूबर को बॉस डे के रूप में घोषणा की.
बॉस दिवस कर्मचारियों और बॉस के बीच कामकाजी संबंधों को बेहतर बनाने के लिए है. यह दिन कर्मचारियों को उस काम की सराहना करने के भी है जो उनके कंपनी को नई ऊचाइंयों पर पहुंचाने के लिए करते हैं.
ऐसे करते हैं सेलिब्रेट
कुछ लोग इस दिवस को अपने बॉस के लिए यादगार बनाने के लिए सरप्राइज प्लान करते हैं तो कुछ लोग तोहफों का सहारा लेते हैं, जबकि कुछ ग्रीटिंग कार्ड्स और फूलों के गुलदस्तों के जरिए अपने बॉस का आभार जताते हैं.
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