जिन्ना पर दिए गए विवादित बयान को लेकर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) चौतरफा घिर गए हैं. जहां एक ओर भाजपा उनके इस बयान की तीखी आलोचना कर रही है. तो वहीं अब AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.
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नई दिल्ली: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) से पहले जिन्ना पर दिए गए विवादित बयान को लेकर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) चौतरफा घिर गए हैं. जहां एक ओर भाजपा उनके इस बयान की तीखी आलोचना कर रही है. तो वहीं अब आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.
ओवैसी ने कहा कि अखिलेश को ये समझना चाहिए कि भारतीय मुसलमानों का जिन्ना से कोई ताल्लुक नहीं है. भारत में रहने वाले मुस्लिमों ने जिन्ना के टू नेशन थ्योरी को रिजेक्ट किया. भारत के मुसलमान ने 1947 में फैसला कर लिया था कि वो पाकिस्तान नहीं जाएंगे. जिन्ना से हमारा कोई ताल्लुक़ नहीं है. अखिलेश अगर यह सोचते हैं कि ऐसे बयानों से एक वर्ग को खुश कर सकते हैं, तो वह गलत हैं. उन्हें अपने सलाहकारों को बदलना चाहिए. उन्हें खुद को शिक्षित करना चाहिए और कुछ इतिहास पढ़ना चाहिए.
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बता दें, अखिलेश यादव के जिन्ना पर दिए गए बयान को लेकर भाजपा ने भी जमकर निशाना साधा है. सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अखिलेश को देश से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने सरदार पटेल की तुलना जिन्ना से कर हिंदुओं का अपमान किया है. उन्होंने कहा कि मो. अली जिन्ना और सरदार वल्लभ भाई पटेल एक ही जगह पढ़े थे लेकिन एक ने देश को जोड़ा और एक ने देश को तोड़ा. साथ ही डिप्टी सीएम ने कहा कि ये समाजवादी पार्टी नहीं बल्कि 'नमाजवादी पार्टी' है.
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गौरतलब है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को हरदोई की एक जनसभा में कहा था कि सरदार वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना ने एक ही संस्थान से पढ़ाई की और बैरिस्टर बने और उन्होंने आजादी दिलाई. उन्हें आजादी के लिए किसी भी तरीके से संघर्ष करना पड़ा होगा तो पीछे नहीं हटे.
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