पद्मश्री सम्मानित 126 वर्षीय बाबा शिवानंद ने बताई PM मोदी को प्रणाम करने की वजह, गिनाए योग के लाभ
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पद्मश्री सम्मानित 126 वर्षीय बाबा शिवानंद ने बताई PM मोदी को प्रणाम करने की वजह, गिनाए योग के लाभ

126 वर्ष की उम्र में भी बाबा एक सामान्य आदमी की तरह अपने सारे काम बिना किसी की मदद लिए हुए करते हैं. योग के प्रति अपना जीवन समर्पित कर देने वाले बाबा शिवानंद सामान्य आदमी के तरीके से जीवन जीते हुए फिलहाल वाराणसी की कबीर नगर कॉलोनी में रहते हैं. पद्मश्री पुरस्कार ग्रहण करने के दौरान अपनी ऊर्जा के कारण इन दिनों वह देश-दुनिया में चर्चा का विषय बने हुए हैं.

पद्मश्री सम्मानित 126 वर्षीय बाबा शिवानंद ने बताई PM मोदी को प्रणाम करने की वजह, गिनाए योग के लाभ

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात के संबोधन में काशी की चर्चा उनकी जुबान पर रही. पद्मश्री से सम्मानित 126 वर्षीय बाबा शिवानंद की फिटनेस की प्रशंसा करते हुए पीएम मोदी ने सभी को इसे प्रेरणा के रूप में लेने की बात कही. स्वामी शिवानंद बाबा को राष्ट्र के लिए प्रेरणा स्रोत बताते हुए योगा को सभी के लिए जरूरी व स्वस्थ्य दिनचर्या को अपनाने की सलाह दी. 

बता दें, 126 वर्ष की उम्र में भी बाबा एक सामान्य आदमी की तरह अपने सारे काम बिना किसी की मदद लिए हुए करते हैं. योग के प्रति अपना जीवन समर्पित कर देने वाले बाबा शिवानंद सामान्य आदमी के तरीके से जीवन जीते हुए फिलहाल वाराणसी की कबीर नगर कॉलोनी में रहते हैं. पद्मश्री पुरस्कार ग्रहण करने के दौरान अपनी ऊर्जा के कारण इन दिनों वह देश-दुनिया में चर्चा का विषय बने हुए हैं.

ज़ी मीडिया से खास बातचीत में पद्मश्री सम्मानित बाबा शिवानंद ने बताया कि पद्मश्री पुरस्कार मुझे नहीं देशवासियों को दिया गया है. सभी देशवासियों को प्रतिदिन योगा करना चाहिए योगा करने से मन शांत होगा. प्रतिदिन योग करने से कोई बीमार नहीं होगा ना ही किसी दवा की जरूरत पड़ेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के प्रधान सेवक हैं इसलिए यह मेरा फर्ज है कि मैं उन्हें प्रणाम करूं. 

बाबा शिवानंद ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने देश को बताया कि हमारे देश में योग करने से एक व्यक्ति इतनी उम्र बीतने के बाद भी निरोग है, इसलिए मैं प्रधानमंत्री का शुक्रिया करता हूं. देशवासियों को मेरी पहचान बताने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया.

बता दें, अपने घर में बाबा एक साधारण से कमरे में रहते हैं, सादा जीवन जीने वाले बाबा उबला हुआ भोजन ही खाते हैं और प्रातः 3:00 बजे उठने के बाद योग से अपने दिन की शुरुआत करते हैं. बाबा से मुलाकात करने पहुंचे उनके शिष्यों के चेहरे पर भी खुशी नजर आई. जी मीडिया से बातचीत में बाबा के शिष्यों ने बताया उन्हें बहुत गर्व होता है, और युवाओं के बीच संदेश भी गया है, तमाम युवा स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो रहे हैं और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल भी कर रहे हैं. 

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