फूल वालों की सैर 2022 कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश को मिला द्वितीय पुरस्कार, कलाकारों ने दी आकर्षक प्रस्तुति
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फूल वालों की सैर 2022 कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश को मिला द्वितीय पुरस्कार, कलाकारों ने दी आकर्षक प्रस्तुति

Uttar Pradesh Award: नई दिल्ली में फूल वालों की सैर-2022 का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न हो गया. उत्तर प्रदेश के कलाकारों ने अपने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. प्रदेश को कार्यक्रम में द्वितीय पुरस्कार मिला है.

फूल वालों की सैर 2022 कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश को मिला द्वितीय पुरस्कार, कलाकारों ने दी आकर्षक प्रस्तुति

लखनऊ: राष्ट्रीय एकता एवं साम्प्रदायिक सद्भाव को बढ़ाने के उद्देश्य से महरौली नई दिल्ली में आयोजित फूल वालों की सैर-2022 में उत्तर प्रदेश को द्वितीय पुरस्कार मिला है. इसके अलावा पंखे स्टेज पर लगाने जाने वाले कार्यक्रम में भी उत्तर प्रदेश को उत्कृष्ट श्रेणी का पुरस्कार मिला. निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रतिनिधि के रूप में संयुक्त निदेशक सूचना भूपेंद्र सिंह यादव ने पुरस्कार प्राप्त किया. सोमवार को संयुक्त निदेशक सूचना द्वारा नई दिल्ली में प्राप्त पुरस्कार के प्रतीक चिन्ह को निदेशक सूचना को सौंपा गया. इस मौके पर निदेशक सूचना शिशिर सिंह ने सूचना विभाग की टीम एवं कलाकारों को बधाई दी.

प्रदेश के कलाकारों ने दी आकर्षक प्रस्तुति
हर साल की तरह इस बार भी फूल वालों की सैर-2022 कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस बार उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, तमिलनाडु व अन्य राज्यों ने अपने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए. उत्तर प्रदेश की ओर से सूचना विभाग के कलाकारों के द्वारा राष्ट्रीय एकता व सद्भाव पर आधारित मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई. उत्तर प्रदेश के कलाकारों ने अपने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक टीम बुंदेलखंड लोक कला संस्थान द्वारा बृज की फूलों की होली लोक नृत्य एवं बुंदेलखंड के राई नृत्य की प्रस्तुति दी गई. 

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सामाजिक सौहार्द का प्रतीक
दिल्ली में हर साल फूलवालों की सैर कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. यह भाईचारे का संदेश देता है. ये हमारे देश की मिली-जुली संस्कृति का प्रतीक है. इसे हर साल 'अंजुमन सैर-ए-गुल फरोशां' नामक सोसायटी आयोजित करती है. यह आपसी सौहाद्र को बढ़ाने वाला आयोजन है. इसे हिंदू-मुस्लिम मिलकर मनाते है. इसे लेकर दोनों समुदायों में एक जैसा उत्साह देखने को मिलता है.

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