प्रयागराज: महंत नरेंद्र गिरी मौत मामले से जुड़ी बड़ी ख़बर सामने आ रही है. महंत की मौत मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है. बीते रविवार को सीबीआई टीम ने मठ और हनुमान मंदिर से जुड़े करीब 12 सदस्यों से पूछताछ की है. वहीं, एफआईआर लिखवाने वाले अमर गिरी से भी सीबीआई ने लंबी पूछताछ की. इसके अलावा, सुसाइड नोट में उत्तराधिकारी को लेकर नाम सामने आने की वजह से बलवीर गिरी से भी बहुत देर पूछताछ चली.


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इन लोगों से भी हुई पूछताछ
अमर गिरी और बलवीर गिरी से महंत नरेंद्र गिरी और आनंद गिरी के बीच हुए विवादों की जानकारी ली गई. टीम ने महंत के सेवादार सर्वेश द्विवेदी, सुमित तिवारी और धनंजय से भी पूछताछ की है. रविवार को पूरे दिन सीबीआई टीम ने घटनाक्रम के हर पहलुओं पर बारीकी से जांच की. 


महंत के वजन का डमी लटकाकर की जांच
बताया जा रहा है कि रविवार को सीबाआई ने सुसाइड सीन रीक्रिएट किया था. ऐसे में कमरे में महंत के वजन का डमी पंखे पर लटकाकर भी जांच की गई. जिन लोगों ने शव को पंखे से उतारा था उन सभी को घटनाक्रम दोहराने के लिए कहा गया. इतना ही नहीं, जो लोग मौत की सूचना के बाद सबसे पहले पहुंचे थे, उनसे भी जानकारी ली गई. रविवार की देर शाम सीबीआई टीम के कुछ सदस्य हनुमान मंदिर भी गए. हनुमान मंदिर में महंत नरेंद्र गिरी के ऑफिस और संदीप तिवारी की फूल की दुकान जहां लगती थी, उस जगह की भी जांच की.


सोमवार को हुई थी महंत की मौत 
बता दें कि महंत नरेंद्र गिरि की लाश बीते सोमवार (20 सितंबर) को प्रयागराज स्थित बाघंबरी गद्दी मठ में पंखे से लटकते हुए मिली थी. उनके पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था, जिसमें उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरी, लेटे हुए हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था. नरेंद्र गिरि ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से इन तीनों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की थी. फिलहाल तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है. 


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CBI कर रही है मामले की जांच 
सीबीआई ने शुक्रवार को इस मामले में प्रयागराज में अमर गिरी पवन महाराज की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर को आधार बनाकर नई एफआईआर दर्ज कर ली. सीबीआई की दिल्ली यूनिट ने आईपीसी की धारा 306 के तहत एफआईआर दर्ज की है यानी एजेंसी फिलहाल आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला मानकर इस केस की जांच करेगी. बता दें कि बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर सीबीआई से जांच कराने की संस्तुति की गई थी.


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