गनर संदीप सिंह को क्या पता था पहली पोस्टिंग ही होगी जानलेवा, उमेश पाल के साथ मारे गए सिपाही के घरवालों ने बताई कलेजा चीर देने वाली कहानी
Umesh Pal Shootout: संदीप की पहली पोस्टिंग प्रयागराज हुई... छह माह पहले ही उसे उमेश पाल का गनर नियुक्त किया गया था.... संदीप के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी...संदीप नौकरी पाया तो उसने घर को संभाला...
Umesh Pal Shootout: राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल के साथ बदमाशों ने उनके सरकारी गनर संदीप निषाद (26) की भी हत्या कर दी. संदीप की मौत की खबर जब उसके गांव पहुंची तो चारों तरफ माहौल गमगीन हो गया. पिता संतलाल माथे पर हाथ रख बैठ गए वहीं पत्नी रीमा अचेत हो गई. बेटे की मौत पर मां का कलेजा फटा जा रहा था. पूरे परिवार में गम का माहौल है.
संदीप निषाद 2018 में हुए थे पुलिस विभाग में भर्ती
संदीप निषाद मूल रूप से आजमगढ़ के युधिष्ठिरपट्टी बिसईपुर गांव के रहने वाले थे. संदीप निषाद 2018 में पुलिस विभाग में भर्ती हुए थे. संदीप की पहली पोस्टिंग संगमनगरी प्रयागराज में ही हुई थी. वह करीब छह महीने से उमेश पाल के साथ में थे. वह चार भाइयों और बहनों में तीसरे नंबर पर थे. बड़े भाई प्रदीप दारागंज में रहकर टीजीटी पीजीटी की तैयारी करते हैं. संदीप निषाद अपने परिवार का इकलौता सदस्य था जो सरकारी नौकरी में था. संजय की कमाई के पैसे से पूरे परिवार का खर्च चलता था. संदीप के बड़े भाई प्रदीप निषाद कहते हैं कि संदीप बड़े पद पर जाना चाहता था इसलिए वह नौकरी के साथ साथ तैयारी भी करता था. हमारे परिवार की रीढ़ की हड्डी था. वर्ष 2021 में ही उसकी शादी हुई थी.
पत्नी से किया था शाम को बात करने का वादा
संदीप ने शुक्रवार सुबह अपनी पत्नी रीमा को फोन किया था. रीमा प्रयागराज आने की जिद कर रही थी. रीमा के मुताबिक,संदीप ने कहा कि अभी वह कोर्ट जा रहे हैं. शाम को वापस आकर बात करेंगे. इसके बाद शाम को अधिकारियों ने फोन किया तो रीमा के पैरों तले जमीन खिसक गई.
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
पुलिस लाइंस में राजकीय सम्मान के साथ संदीप का अंतिम संस्कार किया गया. यहां पत्नी रीमा भी मौजूद थीं. वह रोती और चीखती रहीं, महिला कांस्टेबल उसे ढांढस दिलाने का प्रयास कर रही थीं. इससे पहले संदीप के शव को पुलिस लाइम में अंतिम सलामी दी गई. इसके बाद घर वाले शव लेकर आजमगढ़ चले गए. संदीप के पिता का कहना है कि वह होली पर घर आने का वादा करके गया था.
मई में है राघवेंद्र सिंह की शादी
वहीं हमले में घायल सिपाही राघवेंद्र सिंह की हालत गंभीर बनी हुई है. शुक्रवार रात उनका आपरेशन किया गया. राघवेंद्र सिंह 2016 बैच के सिपाही हैं. मूल रूप से रायबरेली के लालगंज कोरिहरा गांव के रहने वाले हैं. राघवेंद्र के पिता भी सिपाही थे. पिता की मौत के बाद राघवेंद्र को मृतक आश्रित कोटे से नौकरी मिली थी. दो भाइयों और एक बहन में बड़े राघवेंद्र की मई में शादी होने वाली है.
दिनदहाड़े हुई बसपा विधायक की हत्या
प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र के सुलेम सराय इलाके में शुक्रवार को दिनदहाड़े बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की गोली और बम से हमला कर दिया था. उमेश पाल को हमलावरों ने गोलियों से छलनी कर दिया था. हमलावरों ने उनकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों पर भी फायरिंग की. उमेश पाल और सिपाही संदीप निषाद ने स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. शनिवार को भारी सुरक्षा के बीच मृतक उमेश पाल का पोस्टमार्टम कराया गया. पोस्टमार्टम के बाद शव घर ले जाया गया. अंतिम दर्शन के बाद शव को दारागंज श्मशान घाट ले जाया गया. जहां मृतक के बड़े भाई पप्पू पाल ने उन्हें मुखाग्नि दी. अंतिम संस्कार के दौरान भारी फोर्स तैनात रही.